पेट्रोल डीजल के और सस्ते होने की उम्मीद को झटका लग सकता है। सरकार ने मार्च तक एक बार फिर से पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के संकेत दिए हैं।
कच्चे तेल में लगातार आ रही नरमी ने आपके पेट्रोल डीजल के बिल में जरूर कमी कर दी है। लेकिन इससे खाड़ी देशों में काम कर रहे भारतियों की मुश्किलें बढ़ा दी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेेल की कीमतों को लेकर असमंजस गहराने लगा है। विशेषज्ञ इस साल तेल की कीमतों में रिकवरी की उम्मीद लगा रहे हैं।
पेट्रोल के दाम 63 पैसे घटा दिए गए हैं। वहीं डीजल में 1.06 रुपये लीटर की कटौती हुई है। डीजल का दाम 46.09 रुपये से घटकर 45.03 रपये प्रति लीटर पर आ जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 11 साल के निचले स्तर पर आने से सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों की अंडर रिकवरी काफी कम हुई है।
2015 में सऊदी अरब का बजट घाटा बढ़कर रिकॉर्ड 98 अरब डॉलर पहुंच गया है। सरकार ने मंगलवार से पेट्रोल की कीमत 50 फीसदी से अधिक बढ़ाने की घोषणा की है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2016 भी कमोडिटी (सोना, चांदी और क्रूड) के लिए खराब रहने वाला है। हालांकि शेयर बाजार एक बार फिर गुलजार हो सकता है।
ग्लोबल स्तर पर सुस्त मांग से देश का निर्यात आंकड़ा इस साल ज्यादातर समय गिरावट में रहा। हालांकि, सरकार की पहलों से 2016 में इसमें सुधार आने की उम्मीद है।
ओपेक को उम्मीद है कि क्रूड की कीमतों में धीरे-धीरे सुधार होगा और चार साल बाद यह 70 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर के स्तर को छू जाएगा। इससे आम आदमी को राहत मिलेगी।
क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट और गहराती जा रही है। सोमवार को ब्रेंट क्रूड की कीमतें 11 साल के निचले स्तर पर फिसल गई। इसकी मुख्य वजह ओवर सप्लाई है।
शेयर बाजार एक्सपर्ट्स के मुताबिक छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले चालू सप्ताह के दौरान घरेलू शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
पेट्रोल के दाम में 50 पैसे और डीजल के दाम में 46 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई। पेट्रोलियम प्रोडक्ट के दाम में यह कटौती उम्मीद से काफी कम मानी जा रही है।
बीते 10 दिन में क्रूड ऑयल 13% सस्ता हो चुका है। इन सबके बीच उम्मीद जताई जा रही है कि मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 1-1.50 रुपए की कटौती हो सकती है।
दुनिया के बड़े बैंक और फाइनेंशियल एडवाइजर क्रूड के दाम 20 डॉलर तक आने का अनुमान लगा रहे है। यानी क्रूड की कीमतें चालू स्तर आधी रह रह जाएगी।
डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट का सिलसिला जारी है। हफ्ते के पहल कारोबारी दिन के शुरूआती कारोबार में 8 पैसे टूटकर दो साल के निचले स्तर 66.84 पर आ गया।
डॉलर के मुकाबले रुपया 23 पैसे की कमजोरी के साथ 66.80 पर खुला और देखते ही देखते 66.90 के स्तर पर आ गया, जो कि सितंबर 2013 के बाद का निचला स्तर है।
मध्य पूर्व देशों में जैसे ही तनाव बढ़ता है क्रूड ऑयल की कीमतों तेजी आने लगती है और देश में पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने चीजें सभी महंगी हो जाती है।
फेम-इंडिया के तहत हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रोत्साहनों की पेशकश से 2020 तक देश के ऑयल इंपोर्ट बिल में 60,000 करोड़ रुपए की बचत होगी।
कमजोर मांग की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतों में नरमी का फायदा भारत को इस साल तेल आयात बिल में 35 फीसदी कमी के रूप में मिल सकता है।
पेट्रोलियम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच चल रही बातचीत अगर सफल होती है तो जल्द ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती हो सकती हैं।
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