पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगी महंगाई की आग कुछ शांत होने की उम्मीद बढ़ी है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से भाव घटने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में 5 प्रतिशत से ज्यादा और ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 6 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से किसी तरह की राहत नहीं मिल रही है, मंगलवार को लगातार छठे दिन पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए हैं। तेल कंपनियों ने मंगलवार को दिल्ली और कोलकाता में पेट्रोल का दाम 17 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया है जबकि मुंबई में 16 पैसे और चेन्नई में 18 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह डीजल का दाम मंगलवार दिल्ली और कोलताता में 16 पैसे तथा मुंबई में 17 पैसे और चेन्नई में 18 पैसे प्रति लीटर बढ़ाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के बाद देश की तेल कंपनियों की तरफ से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी लगातार की जा रही है, सोमवार को लगातार पांचवें दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों मे बढ़ोतरी की गई है। लगातार 5 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है उसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 81 पैसे और डीजल 69 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
डॉलर की लगातार मजबूती, विदेशी निवेश प्रवाह में कमी तथा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता की वजह से रुपए पर अभी दबाव बना रहेगा। बैंकरों का कहना है कि इस सप्ताह रुपया और टूटकर 70 रुपए प्रति डॉलर तक पहुंच जाएगा।
लगभग 5 हफ्ते तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती या स्थिरता के बाद तेल कंपनियों ने इस हफ्ते फिर से दाम बढ़ाना शुरू किए हैं और शनिवार को लगातार तीसरे दिन दाम बढ़ाए गए हैं। लगातार 3 दिन तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है उसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 43 पैसे और डीजल 38 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया है।
वित्त सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी और ऐसा चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है।
Petrol-Diesel: लगभग 5 हफ्ते तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती या स्थिरता के बाद तेल कंपनियों ने गुरुवार को फिर से दाम बढ़ा दिए हैं। 29 मई के बाद तेल कंपनियां या तो लगातार दाम घटा रही थीं या फिर भाव स्थिर बने हुए थे लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में फिर से आई तेजी और घरेलू स्तर पर डॉलर के मुकाबले रुपए में आए दबाव की वजह से गुरुवरा को तेल कंपनियों ने फिर से दाम बढ़ाने का फैसला किया है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बुधवार को कहा है कि कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) की ऊंची कीमतें देश की आर्थिक वृद्धि के लिए मुख्य जोखिम हैं। हालांकि पेट्रोल एवं डीजल पर दी जाने वाली छूट में सुधार से जोखिम कम हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से हुई बढ़ोतरी की वजह से घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के और महंगा होने का खतरा बढ़ गया है, विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव करीब 43 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है, ऊपर से घरेलू करेंसी रुपए पर भी दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि सऊदी अरब के शाह सलमान ने कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने के उनके आग्रह को मान लिया है। ईरान और वेनेजुएला की ओर से आने वाली कमी को पूरा करने के लिए इसे 20,00,000 बैरल तक बढ़ाया जा सकता है। ट्रंप ने यह बात तब कही है जब करीब एक सप्ताह पहले ही तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक ने तेल उत्पादन बढ़ाने की घोषणा कर दी है।
भारत ने ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाने का संकेत दिया है। बदले में वह सऊदी अरब और कुवैत से कच्चे तेल की खरीद बढ़ाएगा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी और घरेलू स्तर पर रुपए में भारी गिरावट की वजह से बुधवार को भारतीय शेयर बाजार पर एक बार फिर से दबाव देखने को मिला है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भारी गिरावट के साथ बंद हुए हैं, सेंसेक्स 272.93 प्वाइंट घटकर 35217.11 और निफ्टी 97.75 प्वाइंट की गिरावट के साथ 10671.40 पर बंद हुआ है
अमेरिका ने दुनिया के सभी देशों से कहा है कि वह ईरान पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को देखते हुए वहां से तेल आयात न करें, इन देशों में भारत और चीन भी शामिल हैं। अमेरिका के विदेश विभाग के अधिकारी ने बताया है कि अमेरिका और चीन सहित दुनिया के सभी देशों की तेल कंपनियों को ईरान से तेल आयात नहीं करने को कहा गया है। अमेरिका की तरफ से दुनिया के अन्य देशों से इस साल 4 नवंबर तक ईरान से तेल आयात खत्म करने के लिए कहा गया है
विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी के बीच आयातकों एवं बैंकों की ओर से अमेरिकी मुद्रा की मांग आने से आज शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 30 पैसे गिरकर 19 महीने के निम्नतम स्तर 68.54 रुपए प्रति डॉलर पर आ गया।
शुक्रवार को ओपेके देशों द्वारा जुलाई से प्रतिदिन 10 लाख बैरल तेल उत्पादन बढ़ाने की घोषणा के बाद शनिवार को भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में और कटौती हुई है। 29 मई को अपना अब तक का उच्च स्तर छूने के बाद ईंधन के दाम में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
महंगे पेट्रोल-डीजल की मार झेल रहे भारत के लोगों के लिए एक बड़ी खबर ओपेके से आई है। वियना में शुक्रवार को आयोजित 14 ओपेक देशों की बैठक में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर सहमति बन गई है।
रान के पेट्रोलियम मंत्री तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) की बैठक छोड़कर बाहर चले गए। दरअसल, सऊदी अरब ओपेक देशों से कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रहा है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ गई है।
कच्चे तेल में नरमी के चलते पेट्रोल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखी गई है। शुक्रवार को पेट्रोल के दाम 18 पैसे घट गए। वहीं आज डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उठाव के बावजूद गुरुवार को तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिर से कटौती की है। गुरुवार को पेट्रोल की कीमतों में 11 पैसे से लेकर 16 पैसे प्रति लीटर तक की कटौती की गई है जबकि डीजल की कीमतों में 10 पैसे से लेकर 14 पैसे प्रति लीटर की कटौती हुई है। गुरुवार को हुई कटौती के बाद मुंबई में अब पेट्रोल का दाम 84 रुपए के नीचे और डीजल का दाम 72 रुपए के नीचे आ गया है
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार यूद्ध बढ़ने की आशंका की वजह से आज एशियाई शेयर बाजारों पर जो दबाव देखा जा रहा है उसका असर भारत के बाजारों पर भी दिखा है, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी ने कमजोरी के साथ शुरुआत की है। सेंसेक्स फिलहाल 85.03 प्वाइंट की नरमी के साथ 35463.23 पर कारोबार कर रहा है जबकि निफ्टी 32.95 प्वाइंट की गिरावट के साथ 10766.90 पर ट्रेड हो रहा है
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