टिड्डियों के हमले का सबसे ज्यादा असर राजस्थान में
नीति अयोग का चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3 प्रतिशत रहने का अनुमान
कोविड-19 की वजह से लागू राष्ट्रव्यापी बंद को देखते हुए बढ़ाया गया समय
फसल वर्ष 2020-21 के दौरान खरीफ सत्र में 14.99 करोड़ टन और रबी सत्र में 14.84 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कोरोनावायरस (कोविड-19) के बढ़ते प्रकोप मद्देनजर किसानों को अनजान श्रमिकों से काम नहीं लेने की सलाह दी है।
देश के विभिन्न इलाकों खासतौर से उत्तर भारत में हो रही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलों को नुकसान हो सकता है।
सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए इसे किसानों के लिए वैकल्पिक बना दिया है।
फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के चालू खरीफ सत्र में बोई जाने वाली फसलों का रकबा 1,054.13 लाख हेक्टेयर पर अपरिवर्तित बना रहा।
कम बारिश के चलते खरीफ मौसम की सभी फसलों की बुवाई में गिरावट आयी है। कृषि मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक खरीफ के मौसम में धान का रकबा 223.5 लाख हेक्टेयर और दलहन का रकबा 105.14 लाख हेक्टेयर रहा है।
देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई चालू सीजन में पिछले साल से तकरीबन 9 फीसदी पिछड़ी हुई है।
प्याज की कीमतों में आई तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार इसके निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए जो सब्सिडी दे रही थी उसे अब बंद करने की घोषणा की गई है।
इस मानसून सत्र में बारिश सामान्य से कम रहने के बावजूद सरकार ने फसल वर्ष 2018-19 में 28.52 करोड़ टन अनाज उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज कहा कि सरकार जल्द ही एक नई प्रणाली लाएगी ताकि किसानों को उस हालत में उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित किया जा सके, जिसमें बाजार कीमत मानक दर से कम हो जाती है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों की मदद के लिए चलाई जा रही फसल बीमा योजनाओं में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग फसलों के प्रीमियम निर्धारण को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए, ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके।
नीति आयोग द्वारा गठित एक कार्यबल ने पराली और अन्य फसल अवशेष से निपटने के उपाय सुझाये हैं। इसमें उन किसानों को वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराने की वकालत की गयी है जिन्होंने अपने फसल अवशेष नहीं जलाए।
केंद्र ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के क्रियान्वयन के लिए राज्यों को अपनी बीमा कंपनियों के गठन की अनुमति दे दी है। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि फसलों की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करते समय किसान के श्रम सहित उसके द्वारा किए गए प्रत्येक खर्च को ध्यान में रखा जाएगा।
किसानों को कम अवधि के लिए 3 लाख रुपए तक का फसल ऋण 7 प्रतिशत की घटी हुई ब्याज दर पर मिलेगा। RBI ने इस बारे में बैंकों को निर्देश जारी किया है।
चालू वित्त वर्ष में खरीफ सत्र के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि पिछले साल से अधिक है, लेकिन इसके बावजूद यह काफी कम है।
कर्नाटक सरकार ने प्रति किसान 50,000 रुपए तक का कर्ज माफ करने की आज घोषणा की। इससे सरकारी खजाने पर 8,165 करोड़ रुपए का बोझा पड़ेगा।
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