को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड आपको विशेष छूट, रिवॉर्ड पॉइंट, कैशबैक और नो-कॉस्ट EMI विकल्प देकर आपके त्यौहारी शॉपिंग बिल को कम करने में मदद कर सकते हैं।
आप अपने क्रेडिट कार्ड पर कई इंश्योरेंस मामूली प्रीमियम चुकाकर ले सकते हैं। क्रेडिट कार्ड पर इंश्योरेंस मासिक शुल्क पर उपलब्ध होता है।
मान लीजिए आपने किसी व्यक्ति के साथ अपना पैन नंबर शेयर किया और उसने आपके पैन नंबर का गलत इस्तेमाल कर आपके नाम से लोन ले लिया तो ऐसी स्थिति में वो लोन आपको चुकाना पड़ेगा।
एक तय अवधि में लिए जाने वाले लोन की संख्या कम से कम रखने की कोशिश करें। सिबिल स्कोर को घटने से बचाने के लिए एक लोन चुकाएं और फिर दूसरा लें।
कई क्रेडिट कार्ड हर खरीदारी पर रिवॉर्ड पॉइंट देते हैं। इन पॉइंट को जमा कर शॉपिंग, एयरपोर्ट पर लाउंज एक्सेस या यात्रा लाभों के लिए भुना सकते हैं।
बैंकों द्वारा ब्रांड या सेवा प्रदाताओं के सहयोग से जारी किए गए को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड, के लिए मार्केटिंग टाई-अप शुल्क लेते हैं। ऐसे कार्ड कई तरह के लाभ प्रदान करते हैं।
डेबिट कार्ड यह आपको एटीएम से नकदी निकालने और दूसरे ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर से खरीदारी करने की सुविधा देता है। क्रेडिट कार्ड एक वित्तीय उपकरण है जो आपको खरीदारी करने और बाद में उनका भुगतान करने की अनुमति देता है।
कोई भी बैंक नया क्रेडिट कार्ड जारी करते समय यूज़र्स की अलग-अलग जरूरतों का खास ध्यान रखते हैं। अलग-अलग लोगों की अलग-अलग जरूरतों के आधार पर कई तरह के क्रेडिट कार्ड उपलब्ध हैं।
क्रेडिट कार्ड का अनुशासित इस्तेमाल कर आप अच्छी बचत कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए जरूरी है आपके पास सही क्रेडिट कार्ड हो। इसलिए हमेशा अपनी जरूरत के अनुसार ही क्रेडिट कार्ड का चुनाव करें।
क्रेडिट स्कोर की मदद से ही बैंक ये पता लगाते हैं कि किसी ग्राहक को लोन देने में कितना रिस्क है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर कुछ ज्यादा ही खराब है तो बैंक आपको लोन देने से सीधा मना कर सकता है।
क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय, बैंक या अन्य जारीकर्ता के आधार पर जरूरी दस्तावेज अलग-अलग भी हो सकते हैं। लेकिन कुछ कॉमन डॉक्यूमेंट्स तो देने ही पड़ते हैं।
क्रेडिट कार्ड यूटिलाइजेशन रेश्यो उसकी कुल लिमिट के साथ क्रेडिट कार्ड उपयोग अनुपात होता है। इस अनुपात को 30% से कम रखना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आपकी क्रेडिट कार्ड सीमा 10 लाख है, तो कार्ड पर ₹3 लाख से अधिक खर्च न करने का प्रयास करें।
भारत में जारी किये जाने वाले ज्यादातर क्रेडिट कार्ड इंटरनेशनल कार्ड हैं और इन्हें दुनियाभर के अलग-अलग मर्चेंट्स द्वारा स्वीकार किया जाता है।
अपने क्रेडिट कार्ड पासवर्ड को नियमित रूप से बदलना आपकी वित्तीय जानकारी की सुरक्षा का एक इफेक्टिव तरीका है। हालांकि बार-बार अपना पासवर्ड बदलना असुविधाजनक लग सकता है, लेकिन ऐसा न करने के साइबर फ्रॉड का खतरा बढ़ सकता है।
भारत में क्रेडिट कार्ड स्पेडिंग और ट्रांजेक्शन वॉल्यूम में बड़ा उछाल आया है। एचडीएफसी बैंक इन दोनों ही मामलों में टॉप पर रहा है।
नया महीना आज से शुरू हो गया है। इसके साथ ही कई नए नियम बदल गए हैं।
मान लीजिए, एक कार्ड जारीकर्ता 500 की मिनिमम फीस के साथ ओवरलिमिट अमाउंट का 2.5% चार्ज करता है। ये चार्ज बिलिंग साइकल में एक बार लगाया जा सकता है। आप इस प्रोसेस को समझने के लिए अपने बैंक या कार्ड जारीकर्ता कंपनी से बात कर सकते हैं कि क्या आपके कार्ड पर ओवरलिमिट ट्रांजैक्शन की अनुमति है और अगर है तो इसके लिए आपको कितना चा
अलग-अलग क्रेडिट कार्ड अलग-अलग तरह से कैशबैक डील ऑफर करते हैं। कुछ कार्ड सभी ट्रांजैक्शन पर एक समान कैशबैक देते हैं, जबकि कुछ कार्ड ग्रोसरी, फूड या फ्यूस जैसे स्पेशल कैटेगरी के लिए ज्यादा कैशबैक देते हैं।
आप अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को चोरी या खो जाने की स्थिति में कैसे ब्लॉक कर सकते हैं। ऐसा कर आप अपनी मेहनत की कमाई को दुरुपयोग होने से बचा सकते हैं।
त्योहारों के दौरान लोग शॉपिंग को लेकर काफी एक्साइटेड रहते हैं। ये एक्साइटमेंट इतनी ज्यादा होती है कि लोग कीमतों की तुलना करना भूल जाते हैं और फिर बाद में जब उन्हें ये मालूम चलता है कि जो सामान उन्होंने 1000 रुपये में खरीदा है, वो दूसरी जगह 500-600 रुपये में ही मिल रहा था।
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