बैंक कर्ज वृद्धि में लगातार दूसरे साल गिरावट आयी है और यह न्यूनतम स्तर पर पहुंच गयी है।
निजी क्षेत्र के बैंकों में कर्ज के मामले में सालाना आधार पर वृद्धि सितंबर, 2020 में घटकर 6.9 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले यह 14.4 प्रतिशत थी। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मामले में यह हल्की बढ़ी और 5.7 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी अवधि में ये 5.2 प्रतिशत थी।
जनवरी में बैंक कर्ज में वृद्धि घटकर 8.5 प्रतिशत पर आ गयी
सर्विस सेक्टर को बांटे गए लोन में सुस्ती देखने को मिली है
कृषि कर्ज से संबंधित कर्ज को लक्षित किया जाना चाहिए। दास ने कहा कि इस प्रकार की कर्ज माफी से किसानों को अगली बार कर्ज मिलने में समस्या होती है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि दर कटौती हस्तांतरण में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
रिजर्व बैंक ने आने वाले समय में कर्ज के सस्ता होने की उम्मीद जताई है
बैंक कर्ज 22 जून को समाप्त पखवाड़े में 12.84 प्रतिशत बढ़कर 86,16,408 करोड़ रुपए रहा। रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार, एक साल पहले इसी पखवाड़े में बैंकों द्वारा दिया गया कर्ज 76,35,689 करोड़ रुपए था।
ऊंचे डूबे कर्ज और कंपनियों की कमजोर मांग से बीते वित्त वर्ष 2016-17 में ऋण की वृद्धि दर (क्रेडिट ग्रोथ) छह दशक के निचले स्तर 5.08 प्रतिशत पर आ गई।
नोटबंदी के बाद बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ (उधारी कारोबार) में ऐतिहासिक गिरावट आई है। बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ गिरकर ऐतिहासिक निचले स्तर 5.1% पर आ गई है।
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