अगर आपके पास कई क्रेडिट कार्ड हैं तो आपको और भी ज्यादा समझदारी दिखाने की जरूरत पड़ती है। यहां हम उन जरूरी बातों के बारे में जानेंगे, जिन्हें ध्यान में रखकर आप कई क्रेडिट कार्ड्स को आसानी से मैनेज कर सकते हैं और आपका क्रेडिट स्कोर भी हमेशा टॉप पर रहेगा।
जब आप अपने क्रेडिट कार्ड का रेगुलर इस्तेमाल करते हैं और समय पर अपना बिल चुकाते हैं, तो बैंक के साथ आपकी क्रेडिट प्रोफाइल बेहतर होती चली जाती है। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप और भी एक्स्ट्रा बेनिफिट ले सकते हैं।
कई लोगों का मानना है कि एक क्रेडिट कार्ड ही काफी है। उस सोच से यह तो पता चलता है कि आप ज्यादा खर्च करने के प्रलोभन से बचना चाहते हैं, लेकिन अगर आप कार्ड के इस्तेमाल को जिम्मेदारी से मैनेज कर सकते हैं और भुगतान पर नजर रख सकते हैं, तो कई कार्ड होने के दूसरे फायदे भी मिलते हैं।
कोई भी बैंक नया क्रेडिट कार्ड जारी करते समय यूज़र्स की अलग-अलग जरूरतों का खास ध्यान रखते हैं। अलग-अलग लोगों की अलग-अलग जरूरतों के आधार पर कई तरह के क्रेडिट कार्ड उपलब्ध हैं।
भारत में जारी किये जाने वाले ज्यादातर क्रेडिट कार्ड इंटरनेशनल कार्ड हैं और इन्हें दुनियाभर के अलग-अलग मर्चेंट्स द्वारा स्वीकार किया जाता है।
जानकारों के मुताबिक अगर आप क्रेडिट कार्ड का अनुशासन में रहकर इस्तेमाल करते हैं तो यह एक मददगार इंस्ट्रूमेंट है। लापरवाही में यह काफी महंगा साबित हो सकता है।
अगर आप जिस कार्ड के लिए अप्लाई कर रहे हैं वह आपका पहला क्रेडिट कार्ड है या आपके नाम पर कोई क्रेडिट नहीं है, तो आपके क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट कम होगी। बाद में बैंक आपको आपके कार्ड पर क्रेडिट सीमा बढ़ाने का विकल्प देगा।
आप क्रेडिट कार्ड से खरीदारी उतने की ही करें जितना आप वहन कर सकते हैं। साथ ही इस बात को लेकर गांठ बांध लें कि आप क्रेडिट कार्ड बिल तय डेडलाइन से पहले चुका देंगे।
आपके पास जितने अधिक कार्ड होंगे, आपके कर्ज बढ़ने की संभावना उतनी ही अधिक होगी। पहली बार में एक ही क्रेडिट कार्ड का चुनाव करना सही है।
अक्टूबर में प्रति कार्ड खर्च लगभग 16% बढ़कर 18,898 रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। इसमें महीने-दर-महीने 23.2% की वृद्धि हुई। लगभग 65% क्रेडिट कार्ड खर्च ऑनलाइन होते हैं।
भारत में पिछले कुछ समय में क्रेडिट कार्ड का कुल मिलाकर इस्तेमाल बढ़ा है। जानकारों का मानना है कि संभलकर इसका इस्तेमाल नहीं करने पर यह महंगा पड़ जाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के हालिया आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में पूरे साल के दौरान क्रेडिट कार्ड खर्च या उसपर बकाया राशि एक दायरे में रहीं।
Finance Ministry New Rule: अगर आप डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड यूज करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। आज वित्त मंत्रालय ने कुछ खास ग्राहकों के लिए नियम बदल दिए हैं।
खर्च करते वक्त हम शायद भूल जाते हैं कि इसका बिल (Credit Card Bill) भी आएगा और आपको इसका भुगतान भी करना होगा। क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपके दिल दिमाग और जेब की दूरी को अच्छी तरह से समझती हैं।
Credit Card Offers: कुछ क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां आपके क्रेडिट कार्ड के बिल को कम करते हुए हर महीने आपके क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट पर कैशबैक के रूप में कुछ राशि क्रेडिट करती हैं तो कई रिवार्ड प्वॉइंट देती हैं। जिसे आप अगली शॉपिंग में इस्तेमाल कर सकते हैं।
आपके पास क्रेडिट कार्ड के EMI ऑफर्स स्वीकार करने का विकल्प होगा। इसके अलावा आप एक निश्चित रकम भी चुका सकते हैं और बकाया बचे हुए बिल की अगले महीने के लिए किश्तें बनवा सकते हैं। हालांकि, ये दोनों ही विकल्प अच्छे नहीं हैं।
Credit Card: पिछले दो दशकों में भारत में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का उपयोग लगातार बढ़ा है, हालांकि पिछले पांच वर्षों में एक बड़ा उछाल आया है।
पेट्रोलियम कंपनियों की सलाह पर एक अक्टूबर से पेट्रोल पंपों से ईंधन की खरीद पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर मिलने वाली 0.75 प्रतिशत की छूट को बंद किया जा रहा है।
जानकार हमेशा क्रेडिट कार्ड होल्डर्स को यही राय देते हैं कि अपनी क्रेडिट लिमिट का पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं करें। क्रेडिट लिमिट का पूरा इस्तेमाल होने से क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बढ़ जाती है
लिस्टेड कंपनियों, विभिन्न वित्तीय संस्थाओं और डॉक्टर, वकील व आर्किटेक्ट सहित सभी पेशेवरों को 31 मई तक अपने बड़े लेनदेन की जानकारी देनी होगी।
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