क्रेडिट कार्ड के बकाये बिल को ईएमआई में कंवर्ट करने पर आपको 18% से 49% सालाना की दर से ब्याज चुकाना होता है।
Credit Card से कई बार हम लोग अनाप शनाप खर्च कर डालते हैं, और जब बिल आता है तब हमारे होश उड़ते हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो ये तरीके अपना सकते हैं।
Credit Card: आज के समय में लगभग नौकरीपेशा व्यक्ति क्रेडिट कार्ड यूज करता है। देश या विदेश में ट्रेवल करते वक्त क्रेडिट कार्ड पर कंपनियां अक्सर छूट दे देती हैं, लेकिन अब सरकार उसपर अलग से टैक्स वसूलने की तैयारी कर रही है।
बैंकिंग एक्सपर्ट का कहना है कि बड़ी खरीदारी के बाद बिल का भुगतान मिनिमम ड्यू पेमेंट के बजाय ईएमआई में चुकाना सही है।
आपके पास क्रेडिट कार्ड के EMI ऑफर्स स्वीकार करने का विकल्प होगा। इसके अलावा आप एक निश्चित रकम भी चुका सकते हैं और बकाया बचे हुए बिल की अगले महीने के लिए किश्तें बनवा सकते हैं। हालांकि, ये दोनों ही विकल्प अच्छे नहीं हैं।
Diwali Offers: इस बार की दिवाली आपके लिए खुशियों की दिवाली होने जा रही है, क्योंकि आपको ढेर सारे ऑफर मिलने जा रहे हैं। इस त्योहार आप अपने सपनों की खरीददारी धूम-धाम से कर सकते हैं।
Credit Card EMI आपके वित्तीय बोझ को कम कर देती है, क्योंकि पूरी राशि का अग्रिम भुगतान करने के बजाय, आप कुछ महीनों के किश्तों में बकाया चुका सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड को लेकर कई तरह के सवाल हमारे जेहन में आते हैं। इनमें से एक बड़ा सवाल है इसकी फीस। क्या है फीस से बचा जा सकता है
Credit Card: आज के समय में आपकी इनकम भले ही निश्चित हो, लेकिन आपको पेमेंट (Payment) करने के ढेरों विकल्प मिल जाएंगे। अगर आप क्रेडिट कार्ड बिल के मिनिमम ड्यू पेमेंट के बारे में ये बातें नहीं जानते हैं तो इस खबर को पढ़ लें।
आप अपना कर्ज का बोझ कैसे कम कर सकते हैं? खासतौर पर ऐसे वक्त पर जबकि हो सकता है कि आप कोरोना काल में सैलरी में कटौती या नौकरी जाने जैसी दिक्कत का सामना कर रहे हों, यह कर्ज आपके लिए मुश्किल भरा साबित हो सकता है।
Credit Card: पिछले दो दशकों में भारत में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का उपयोग लगातार बढ़ा है, हालांकि पिछले पांच वर्षों में एक बड़ा उछाल आया है।
डेबिट कार्ड(Debit Card) और क्रेडिट कार्ड(Credit Card) फ्रॉड से परेशान लोगों के लिए RBI के तरफ से एक अच्छी खबर आई है।
Credit Card पेमेंट में जानिए मिनिमम ड्यू का गणित, कहीं आप तो नहीं हो रहे कंपनियों के अत्याचार के शिकार
Cibil Score: बैंक (Bank) सभी व्यक्ति को लोन नहीं देते हैं। वो सिबिल स्कोर (Cibil Score) के आधार पर लोन का आवंटन करते हैं।
आरबीआई ने सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड डेटा ऑनलाइन, पॉइंट-ऑफ-सेल और इन-ऐप से होने वाले लेनदेन को एक ही में मर्ज कर एक यूनिक टोकन जारी करने को कहा है।
खासतौर पर ऐसे वक्त पर जबकि हो सकता है कि आप कोरोना काल में सैलरी में कटौती या नौकरी जाने जैसी दिक्कत का सामना कर रहे हों, यह कर्ज आपके लिए मुश्किल भरा साबित हो सकता है।
क्रेडिट कार्ड बिल पर नगद लेन-देन की सीमा लागू नहीं होगी। बैंकों द्वारा नियुक्त बैंक प्रतिनिधि तथा प्रीपेड उत्पाद जारी करने वालों पर भी यह सीमा मान्य नहीं।
नोटबंदी की अवधि के दौरान किसी तरह के लोन या क्रेडिट कार्ड के बिल के भुगतान के लिए दी गई 2 लाख रुपए या उससे अधिक नकद राशि को ITR फॉर्म में दिखाना होगा।
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