अगर आपके पास कई क्रेडिट कार्ड हैं तो आपको और भी ज्यादा समझदारी दिखाने की जरूरत पड़ती है। यहां हम उन जरूरी बातों के बारे में जानेंगे, जिन्हें ध्यान में रखकर आप कई क्रेडिट कार्ड्स को आसानी से मैनेज कर सकते हैं और आपका क्रेडिट स्कोर भी हमेशा टॉप पर रहेगा।
जब आप अपने क्रेडिट कार्ड का रेगुलर इस्तेमाल करते हैं और समय पर अपना बिल चुकाते हैं, तो बैंक के साथ आपकी क्रेडिट प्रोफाइल बेहतर होती चली जाती है। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप और भी एक्स्ट्रा बेनिफिट ले सकते हैं।
कम क्रेडिट उपयोग आपको अपना क्रेडिट स्कोर बढ़ाने या अच्छा क्रेडिट बनाए रखने में मदद करता है। हालांकि, अगर कार्ड जारीकर्ता हर महीने शून्य बैलेंस की रिपोर्ट करता है, तो इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
बैलेंस ट्रांसफर करने से पहले, ध्यान रखें कि इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आपको एक प्रोसेसिंग फीस चुकानी होती है। इसलिए, सबसे पहले यह पता लगा लें कि बैंलेंस ट्रांसफर कर आपको कितनी बचत होगी।
लाइफ टाइम फ्री क्रेडिट कार्ड चुनने से पहले अपी जरूरत, रिवॉर्ड प्वाइंट और आदतों पर सावधानीपूर्वक विचार करें। इसके बाद कार्ड का चयन करें।
कई क्रेडिट कार्ड हर खरीदारी पर रिवॉर्ड पॉइंट देते हैं। इन पॉइंट को जमा कर शॉपिंग, एयरपोर्ट पर लाउंज एक्सेस या यात्रा लाभों के लिए भुना सकते हैं।
बैंकों द्वारा ब्रांड या सेवा प्रदाताओं के सहयोग से जारी किए गए को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड, के लिए मार्केटिंग टाई-अप शुल्क लेते हैं। ऐसे कार्ड कई तरह के लाभ प्रदान करते हैं।
कोई भी बैंक नया क्रेडिट कार्ड जारी करते समय यूज़र्स की अलग-अलग जरूरतों का खास ध्यान रखते हैं। अलग-अलग लोगों की अलग-अलग जरूरतों के आधार पर कई तरह के क्रेडिट कार्ड उपलब्ध हैं।
मान लीजिए, एक कार्ड जारीकर्ता 500 की मिनिमम फीस के साथ ओवरलिमिट अमाउंट का 2.5% चार्ज करता है। ये चार्ज बिलिंग साइकल में एक बार लगाया जा सकता है। आप इस प्रोसेस को समझने के लिए अपने बैंक या कार्ड जारीकर्ता कंपनी से बात कर सकते हैं कि क्या आपके कार्ड पर ओवरलिमिट ट्रांजैक्शन की अनुमति है और अगर है तो इसके लिए आपको कितना चा
याद रखें, आपको अपनी खर्च सीमा से अधिक खर्च नहीं करना चाहिए, क्योंकि आयकर विभाग सभी क्रेडिट कार्ड लेन-देन की निगरानी कर रहा है। आपके क्रेडिट कार्ड का विवरण आपके पैन कार्ड से जुड़ा हुआ है।
बैंकों ने अपने क्रेडिट कार्ड से जुड़ शुल्क, प्रभार और नियमों में संशोधन कर दिया है। ऐसे में अगर आपके पास भी इन बैंकों के क्रेडिट कार्ड हैं तो आपको आगे से अलर्ट हो जाना चाहिए, अन्यथा ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है।
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को बिलिंग साइकिल और पेमेंट ड्यू डेट बदलने का विकल्प उपलब्ध कराने को कहा है। नए निर्देश के तहत नए और मौजूदा दोनों कार्डधारक बिलिंग चक्र की तारीख को एक से अधिक बार बदल सकते हैं।
आप क्रेडिट कार्ड से खरीदारी उतने की ही करें जितना आप वहन कर सकते हैं। साथ ही इस बात को लेकर गांठ बांध लें कि आप क्रेडिट कार्ड बिल तय डेडलाइन से पहले चुका देंगे।
Credit Card Overlimit: क्रेडिट कार्ड की लिमिट से ज्यादा आप खर्च कर सकते हैं। इसके बारे में हम इस आर्टिकल में आरबीआई के नियम के साथ विस्तार से बताने जा रहे हैं।
Credit Card Balance Transfer: क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर एक तरीका है, जिसके तहत आप अपने बकाया बैलेंस को किसी दूसरे क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसके फायदे
त्योहारी सीजन में क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते समय आपको सावधानियां बरतनी चाहिए। शॉपिंग करने से पहले बजट तैयार कर लेना बेहतर रहता है। इससे आप फिजूलखर्ची पर लगाम लगा सकते हैं।
आज के समय में क्रेडिट कार्ड यूज करने वालों की संख्या रोज बढ़ रही है। अगर आप भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल खरीदारी, बुकिंग आदि में करते हैं तो क्या आप जानते हैं कि कैसे अधिकतम बचत कर सकते हैं। अगर नहीं तो हम आपको बता रहे हैं।
आकर्षक ऑफर के कारण कई बार लोग अपने बजट से ज्यादा खर्च कर देते हैं। इस वजह से जब क्रेडिट कार्ड का बिल आता है तो कुछ लोग पेमेंट नहीं कर पाते हैं और डिफॉल्ट कर जाते हैं।
क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन करने पर फॉरेन करेंसी मार्क-अप फीस वसूलते हैं। यह 1.99% से 3.55% तक होता है।
एक से अधिक कार्ड होने से बिल भुगतान की तारीखें याद रखने में परेशानी होती है। इसके चलते बहुत सारे लोग समय पर बिल चुकाना भूल जाते हैं।
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