आर्थिक आंकड़ों, कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजों और अमेरिका के सीरिया पर हमले से पैदा हुई भू राजनीतिक स्थिति से इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय होगी।
विश्लेषकों का मानना है कि मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के मुकाबले काफी नीचे होने के बावजूद RBI अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाए रख सकता है।
सेंसेक्स 63 की बढ़त के साथ 29,649 के स्तर पर बंद हुआ है। वहीं, निफ्टी 6 अंक की तेजी के साथ 9160 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी पहली बार 9150 के ऊपर बंद हुआ है।
New Highs: शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई है। बाजार की इस तेजी में निफ्टी ने पहली बार 9200 के महत्वपूर्ण स्तर को छुआ है।
मेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर फैसला आने से पहले घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत हल्की गिरावट के साथ हुई है। सेंसेक्स 8, निफ्टी 4 अंक नीचे है।
देश में खुदरा मुद्रास्फीति दर फरवरी के दौरान बढ़कर 3.65 प्रतिशत पर पहुंच गई। ऐसा खाद्य और ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि की वजह से हुआ है।
चुनाव के नतीजों के बाद, बाजार विश्लेषकों ने मंगलवार को शेयर बाजारों की सकारात्मक शुरुआत की भविष्यवाणी की है। वहीं, निवेशकों की नजर वैश्विक संकेतों पर भी है।
जनवरी में थोक महंगाई दर बढ़कर 30 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। दिसंबर के मुकाबले जनवरी में थोक महंगाई दर 3.39 फीसदी से बढ़कर 5.25 फीसदी हो गई।
सब्जियों, दालों और दूसरे खाने-पीने की चीजों में आई नरमी से रिटेल महंगाई दर घटकर 3.17 फीसदी पर आ गई है। दिसंबर 2016 में सीपीआई 3.41 फीसदी पर थी।
अगले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार के कारोबार की दिशा व्यापक आर्थिक आंकड़े के साथ विभिन्न कंपनियों के तिमाही नतीजों की आखिरी खेप तय करेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) फरवरी में पेश होने वाली अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।
देश की सीपीआई आधारित महंगाई दर 2017 में करीब 5.3 प्रतिशत रहेगी जो 2016 में 5.1 प्रतिशत थी। रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
खुदरा महंगाई दर को लेकर राहत भरी खबर है। नवंबर में खुदरा महंगाई दर यानी CPI 3.63 फीसदी के स्तर पर रही। यह रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई है।
रिटेल महंगाई दर अक्टूबर में घटकर 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है और इसके बाद नवंबर-दिसंबर में इसके चार प्रतिशत से भी नीचे आने की उम्मीद है।
सब्जी और खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आई कमी से रिटेल महंगाई दर अगस्त में घटकर पांच महीने के न्यूनतम स्तर 5.05 फीसदी पर आ गई। जुलाई में यह 6.07 फीसदी थी
विशेषज्ञों का मानना है कि छुट्टियों के कारण कम कारोबारी सत्र वाले चालू सप्ताह के आईआईपी और महंगाई दर जैसे बड़े आंकड़े शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे।
मंडियों में आवक कम होने से सब्जियों के दाम पिछले तीन-चार महीने में 100 प्रतिशत तक चढ़ गए हैं। थोक और खुदरा बाजार में भारी अंतर हैं।
महंगाई दर के ऊपर जाने का जोखिम कायम है।अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिंस कीमतों में बढ़ोतरी तथा 7वें वेतन आयोग के क्रियान्वयन की वजह से मुद्रास्फीति ऊपर जाएगी।
ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी एचएसबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में रिटेल महंगाई दर अगले दो महीने में छह फीसदी से अधिक रहने का अनुमान लगाया है।
देश में महंगाई की आग और भड़कने लगी है। जून में थोक वस्तुओं की महंगाई दर में जोदार इजाफा हुआ है। यह पिछले महीने 1.62 फीसदी पहुंच गई।
लेटेस्ट न्यूज़