स्वीकृत योजनाएं खाद्य, कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, खान और खनिज, पेट्रोलियम और बिजली क्षेत्रों से संबंधित हैं। इनमें पशु फार्म; 10 अरब डॉलर की सऊदी अरामको रिफाइनरी; चगाई में तांबे और सोने की खोज; और थार कोयला रेल संपर्क योजना भी शामिल है।
पाकिस्तान में बना चीन का आर्थिक गलियाया अब पाकिस्तान की गले की फांस बन गया है। चीन के इस आर्थिक गलियारे में बिजली संयंत्रों के लिए मिले महंगे कर्ज के चलते आईएमएफ की मदद से पाकिस्तान को हाथ धोना पड़ सकता है।
चीन की स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के लगभग 25 प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनका भुगतान नहीं किया जाएगा, तो वे कुछ दिन के भीतर काम करना बंद कर देंगे।
सीपीईसी चीन की बेल्ट एंड रोड पहल (बीआरआई) का हिस्सा है। बीआरआई के तहत चीन सरकार करीब 70 देशों में भारी निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत द्वारा पाकिस्तान को चीन के बीआरआई से "बाहर रखने के लिए चालें चली जा रही हैं।’’
चीन ने पाकिस्तान को 9 चीनी कर्मियों की बस विस्फोट में मौत के बाद एकबार फिर सुरक्षा को ठीक करने को कह दिया है। चीन CPEC के तहत कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। ऐसे में उसे अपने कर्मियों की सुरक्षा का खतरा महसूस हो रहा है।
सीपीईसी चीन-पाकिस्तान की एक महत्वकांक्षी योजना है, जिसमें सड़कों, रेलवे और बिजली परियोजनाओं का योजनाबद्ध नेटवर्क खड़ा किया जाना है।
सीपीईसी चीन के झिनजियांग को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ेगा। इस पहल पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि छोटे देश चीन के कर्ज से दबकर कमजोर पड़ रहे हैं।
पाकिस्तान की जनता को यह क्यों नहीं पता है कि सीपीईसी सबसे महंगी परियोजना है।
चीन की योजना पाकिस्तान की विकास परियोजनाओं में एक अरब डॉलर का निवेश करने की है। पाकिस्तान में चीन के राजदूत याओ जिंग ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कदम उठा रहे हैं।
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने सोमवार को आधिकारिक स्रोतों के हवाले से कहा कि राहत पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए यहां आने वाले आईएमएफ दल के आने की योजना टल सकती है।
चीन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की नया पाकिस्तान पहल का समर्थन किया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन से दोस्ती को देश की विदेश नीति का महत्वपूर्ण अंग बताया है। इसके साथ ही उन्होंने 50 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा योजना के क्रियान्वयन की प्रतिबद्धता जताई।
ईरान के सड़क एवं शहरी विकास मंत्री अब्बास अखोंदी ने कहा कि अंतरिम समझौते के तहत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह परिचालन के लिए एक महीने के भीतर भारतीय कंपनी को सौंप दिया जाएगा।
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने चीनी मुद्रा युआन को द्विपक्षीय व्यापार और निवेश गतिविधियों के लिए उपयोग करने की अनुमति दे दी है। इस कदम के बाद युआन सीपीईसी (चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) परियोजनाओं में लेनदेन के लिए डॉलर की जगह ले सकता है।
अमेरिकी थिंक टैंक के अनुसार, अरबों डॉलर की लागत वाली चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ाने का काम करेगा।
चीन ने कहा है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गालियारा (CPEC) परियोजना से कश्मीर मुद्दे पर उसके और पाकिस्तान के रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा।
चीन के मेगा प्रोजेक्ट वन बेल्ट वन रोड़ यानि OBOR का भारत लगातार विरोध कर रहा है। इसलिए भारत सरकार ने OBOR के खिलाफ नई स्टैटजी तैयार की है।
चीन की एक बेल्ट वन रोड (OBOR) पहल पर अगले पांच साल में इस पर 600 से 800 अरब डॉलर (करीब 52 लाख करोड़ रुपए) का निवेश और करने की योजना है।
Brexit के बाद अपने कारोबारी संबंधों को गति देने के लिहाज से ब्रिटिश सरकार की नजर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) में सहयोगी बनने पर है।
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