कई सेक्टर में कारोबार कोविड से पहले के स्तर पर पहुंचने से उम्मीद बढ़ी
राष्ट्रव्यापी बंद के बाद धीरे-धीरे स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं
कोरोना संकट की वजह से कई कंपनियों ने लागत घटाने के नाम पर छंटनी का ऐलान किया
दूसरी श्रेणी के शहरों में 22 प्रतिशत उपभोक्ता और तीसरी श्रेणी के शहरों में 30 प्रतिशत उपभोक्ता मानते हैं कि या तो खर्च में बढ़ोतरी होगी या यह कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर रहेगा।
संक्रमण दर के अब तक स्थिर न होने से रिकवरी में देरी की आशंका बढ़ी
‘कोविड 19 का टीका तैयार होने पर काफी हद तक खत्म होगी अनिश्चितता’
अभी तक कंपनी इस ऑफर के तहत 35 लाख रुपए का ऋण वितरित कर चुकी है।
पूनावाला ने कहा कि मंजूरी मिलने के बाद इस वैक्सीन का पुणे व मुंबई में 4 से 5 हजार लोगों पर परीक्षण किया जाएगा।
यूरोपीय संघ के सात साल के लिए 1,000 अरब यूरो के बजट पर भी सहमति बनी
कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान अपने डीलर सहयोगियों की मदद करने के लिए कंपनी ने पहले ही डीलर का मार्जिन आठ प्रतिशत से बढ़ाकर 11 प्रतिशत करने की घोषणा की है।
बायोकॉन लिमिटेड की कार्यकारी अध्यक्ष ने एक साक्षात्कार में कहा कि वैक्सीन के बारे में सही अनुमान लगाना मुश्किल है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण राजस्व संकट खड़ा हो गया है, जिसकी वजह से राज्य मंत्रिमंडल ने बसों का किराया बढ़ाने का निर्णय लिया है।
कंपनी के मुताबिक महामारी की वजह से एयरलाइंस के लिए लागत निकालना भी मुश्किल
लॉकडाउन और कर्मचारियों की कमी की वजह से आंकड़े जुटाने में दिक्कत
हैदराबाद में कोरोना से पहले 5 किलोमीटर तक के लिए एम्बूलेंस का शुल्क 80 से 120 रुपए प्रति किलोमीटर और शहर से बाहर के लिए 25 से 40 रुपए प्रति किलोमीटर था। यह शुल्क अब बढ़कर शहर में ही 10 किलोमीटर तक के लिए 5000 से 10,000 रुपए और शहर से बाहर के लिए 30 से 60 रुपए प्रति किलोमीटर है।
कैट ने दावा किया कि केंद्र या राज्य सरकारों की तरफ से किसी समर्थन नीति के अभी तक नहीं होने के कारण भी व्यापारी परेशान हैं।
इस सप्ताह एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर., बजाज ऑटो और आईटीसी के नतीजे जारी होंगे
चांदी का आयात 45 प्रतिशत घटकर 4,300 करोड़ रुपये के स्तर पर आया
बैंक का अनुमान है अर्थव्यवस्था पर भरोसा बहाल होने और रिकवरी में वक्त लग सकता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश में 'वोकल फॉर लोकल' मुहिम शुरु करने के बाद हुला ग्लोबल ने हमने अपनी विनिर्माण प्रक्रियाओं को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया और नोलेज ट्रांसफर करके नए और आगामी एसएमई को सशक्त बनाया।
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