कपास का पिछले सत्र का बचा हुआ स्टॉक 30 सितंबर को सत्र के अंत में 62.13 लाख गांठ रहने का अनुमान है। अनुमान है कि कपास सत्र 2021-22 का निर्यात 48 लाख गांठ रहेगा
इमरान खान सरकार ने 1 अप्रैल को भारत से कपास आयात के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
भारत ने चालू कॉटन सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के आरंभिक छह महीने में 42 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कॉटन का निर्यात कर लिया है और 30 सितंबर तक निर्यात 60 लाख गांठ तक होने की उम्मीद की जा रही है।
उद्योग संगठन ने फसल वर्ष 2020-21 में कपास की आपूर्ति 477.50 लाख गांठ रहने का अनुमान जताया है।
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते भारत से चीन को रूई और धागे का निर्यात ठप पड़ गया है और कपड़ा उद्योग में इस्तेमाल होने वाला रासायनिक पदार्थ व एसेसरीज आइटम का आयात नहीं हो रहा है, जिससे घरेलू कपड़ा उद्योग पर असर पड़ा है।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कॉटन यार्न उद्योग में मंदी की बात स्वीकार करते हुए रविवार को कहा कि अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार के कारण मौजूदा हालात पैदा हुए हैं।
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार के चलते पिछले एक साल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रूई (कॉटन) का भाव 32 फीसदी से ज्यादा टूटा है।
CAI ने कहा है कि GST काउंसिल ने 21 दिसंबर को होने वाली बैठक में अगर RCM के मुद्दे को हल नहीं किया तो इंडस्ट्री 22 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगी
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