Reliance Tata Vodafone: भारतीय कॉर्पोरेट सेक्टर पर अपनी छाप छोड़ने वाले 5 ऐसे डील के बारे में आज हम जानेंगे, जो इन कंपनियों को एक नई उंचाई पर ले जानें में मील का पत्थर साबित हुए हैं।
मंत्रालय ने यह परिपत्र ऐसे समय में जारी किया है, जब देश भर में कोरोनो वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और उसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।
सरकार ने इसी हफ्ते कोरोना के लिए खर्च की जा रही मदद को CSR का हिस्सा मानने पर मंजूरी दी है
कंपनियों को अपने मुनाफे का एक हिस्सा सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत खर्च करना होता है
मूडीज ने सोमवार को कहा कि GDP की वृद्धि दर 7.6% रहने की स्थिति में अगले एक से डेढ़ साल में कंपनियों का कर पूर्व लाभ 5 से 6 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
बाजार नियामक SEBI ने रशिल डेकोर, कॉरपोरेट स्ट्रेटजिक अलायंस और छह अन्य पर अपने IPO दस्तावेजों में पूरी तरह खुलासा नहीं करने को लेकर जुर्माना लगाया है।
टाटा, गोदरेज, अडानी और पतंजलि जैसे कई बड़े कॉरपोरेट घरानों ने सहारा समूह की 7,400 करोड़ रुपए मूल्य की 30 संपत्तियों को खरीदने में अपनी रुचि दिखाई है।
प्रधानमंत्री राहत कोष में कंपनियों का योगदान 2015-16 में 25 प्रतिशत घटकर 80.55 करोड़ रुपए रहा। हालांकि कंपनियों ने सीएसआर पर 8,185 करोड़ रुपए खर्च किए है।
बंबई शेयर बाजार में सूचीबद्ध 32 बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने 2015-16 में अपनी मूल वैश्विक कंपनियों को 7,100 करोड़ रुपए की रॉयल्टी भुगतान किया है।
NPA के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद एक प्रमुख संसदीय समिति ने बैंक लोन नहीं चुकाने वाले का नाम सार्वजनिक कर उन्हें शर्मिंदा किए जाने का पक्ष लिया है।
NSE पर सूचीबद्ध 920 कंपनियों का 2015-16 में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) गतिविधियों पर खर्च 28 प्रतिशत बढ़कर 8,345 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
घरेलू कंपनियां कमजोर मांग के कारण नए निवेश को लेकर चौकस हैं। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में नरम पुनरद्धार को लेकर भी चिंता हैं।
श्रम मंत्रालय को 800 कपंनियों द्वारा सौंपे गए एक पत्र में श्रम कानून की अनुपालन प्रक्रिया को कागजरहित बनाने की मांग की गई है।
SBI के एक ताजा अध्ययन में बड़े औद्योगिक घरानों को दिए गए बड़े कर्जों को लेकर चिंता ना व्यक्त करते हुए कहा गया कि कर्ज का व्यवहार नियमों के अनुरूप है।
बेहतर मानसून, नीतिगत दर में कटौती के साथ जिंस कीमतों में सुधार से कंपनियों का मुनाफा वित्त वर्ष 2016-17 में करीब 25 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।
देश की टॉप 100 कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान सीएसआर पर 5,240 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इस साल इसमें 850 करोड़ रुपए के अतिरिक्त खर्च का अनुमान है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान बीएसई पर लिस्टेड लिस्टेड 1,000 से अधिक कंपनियों ने सीएसआर पर 6,400 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य पर हुआ खर्च।
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