मंत्रालय ने यह परिपत्र ऐसे समय में जारी किया है, जब देश भर में कोरोनो वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और उसके कारण मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।
सरकार ने इसी हफ्ते कोरोना के लिए खर्च की जा रही मदद को CSR का हिस्सा मानने पर मंजूरी दी है
कंपनियों को अपने मुनाफे का एक हिस्सा सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत खर्च करना होता है
प्रधानमंत्री राहत कोष में कंपनियों का योगदान 2015-16 में 25 प्रतिशत घटकर 80.55 करोड़ रुपए रहा। हालांकि कंपनियों ने सीएसआर पर 8,185 करोड़ रुपए खर्च किए है।
बंबई शेयर बाजार में सूचीबद्ध 32 बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने 2015-16 में अपनी मूल वैश्विक कंपनियों को 7,100 करोड़ रुपए की रॉयल्टी भुगतान किया है।
NSE पर सूचीबद्ध 920 कंपनियों का 2015-16 में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) गतिविधियों पर खर्च 28 प्रतिशत बढ़कर 8,345 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
बेहतर मानसून, नीतिगत दर में कटौती के साथ जिंस कीमतों में सुधार से कंपनियों का मुनाफा वित्त वर्ष 2016-17 में करीब 25 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।
देश की टॉप 100 कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान सीएसआर पर 5,240 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इस साल इसमें 850 करोड़ रुपए के अतिरिक्त खर्च का अनुमान है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान बीएसई पर लिस्टेड लिस्टेड 1,000 से अधिक कंपनियों ने सीएसआर पर 6,400 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य पर हुआ खर्च।
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