कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के मार्च के बुलेटिन में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में सबसे ज्यादा सेवा क्षेत्र की कंपनियां स्थापित की गईं।
348 कंपनियां कंपनी अधिनियम, 2013 और निधि नियम 2014 के तहत निधि कंपनियों के रूप में घोषणा के लिए आवश्यक मानदंडों को पूरा करने में विफल रहीं हैं।
कोरोना वायरस की वजह से पैदा अड़चनों के बीच कंपनियों को राहत देते हुए सरकार ने ‘कई योजनाओं’ की अवधि बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है।
शहरी इलाकों में कंपनियों/ सीमित दायित्व भागादारी फर्मों (एलएलपी) में बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं ऐसे में लोगों के बीच सामाजिक मेलजोल से दूरी को प्रोत्साहित करने में उनकी पूरी भागीदारी और सहयोग बहुत जरूरी है।
कानूनी फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास में पार्टनर और हेड (एमएंडए) अकीला अग्रवाल ने कहा कि नए नियम एनसीएलटी पर बोझ कम करेंगे। कंपनियां केंद्र सरकार के पास आवेदन कर अपने कारोबार को बंद कर सकेंगी।
दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत मामलों को एनसीएलएटी प्रक्रिया से पहले निस्तारण की प्रक्रिया में कुल 3.75 लाख करोड़ रुपए कर्ज के 9,600 मामलों का निपटान किया गया है।
सरकार ने स्टार्टअप कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए भिन्न मताधिकार वाले शेयरों से जुड़े नियमों में ढील दी है। स्टार्टअप कंपनियों को इससे पूंजी जुटाने के दौरान कंपनी पर नियंत्रण बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि अवैध धन के प्रवाह को रोकने के प्रयासों के तहत दूसरे चरण में लगभग 55 हजार मुखौटा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है
सरकार जल्द ही फर्जी निदेशक पहचान संख्या (डीआईएन) रखने वालों का पता लगाने के लिए उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण शुरू करेगी।
सरकार ने मंगलवार को कहा कि शेयर बाजार में गैर-लिस्टेड पब्लिक कंपनियों के लिए 2 अक्टूबर से नए शेयर डीमैट रूप में जारी करना अनिवार्य होगा।
कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने बैंक की छुट्टी पर चल रहीं CEO चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को पूछताछ के लिए तलब किया है
कामकाज संभालने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की
देश में कुल पंजीकृत 17.79 लाख कंपनियों में से जून अंत तक करीब 66 प्रतिशत कंपनियां ही सक्रिय थीं। मुखौटा कंपनियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के बीच आधिकारिक आंकड़ों से यह बात सामने आयी है। कारपोरेट कार्य मंत्रालय के ताजा आंकड़े के अनुसार 30 जून तक 11.89 लाख से अधिक कंपनियां काम कर रही थी। यानी ये कंपनियां अपनी सामान्य कारोबारी गतिविधियों के साथ नियम के मुताबिक जरूरी सूचनाएं समय पर दे रही थी।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) आईसीआईसीआई बैंक विवाद से जुड़ी विभिन्न कंपनियों पर गौर कर रहा है। यह विवाद आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर और कुछ कंपनियों को दिए ऋण के मामले में कथित हितों के टकराव से संबंधित है।
विभिन्न एजेंसियां और नियामक सिर्फ कागज पर मौजूद संदिग्ध कंपनियों की वित्तीय अनियमितताओं के लिए जांच कर रही हैं। वहीं सरकार ऐसी मुखौटा कंपनियों के लिए एक उचित परिभाषा लाने की तैयारी कर रही है जिससे जांच में अड़चन न आए और अभियोजन कानून के समक्ष टिक सके।
केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने आज कहा कि संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए सरकार की व्हिसल ब्लोअर को प्रोत्साहित करने की योजना है।
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) फोर्टिस हेल्थकेयर और रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
नोटबंदी के बाद करीब 35,000 कंपनियों के खातों में 17,000 करोड़ रुपए जमा हुए और निकाले गए, ऐसी सभी कंपनियों के पंजीकरण को ROC से रद्द किया जा चुका है।
कालाधन से निपटने के प्रयासों पर आगे बढ़ते हुए सरकार शेल (मुखौटा) कंपनियों से जुड़े एक लाख से अधिक निदेशकों को अयोग्य घोषित करेगी।
नियमों का अनुपालन नहीं करने वाली 2.09 लाख कंपनियों का पंजीकरण समाप्त कर दिया गया है। बैंक खातों से लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
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