देश में बढ़ते कोरोना के कारण देश के उपभोक्ताओं के मन में डर बिठा दिया है। वहीं इस पर रोकथाम पाने के लिए उठाए गए कदमों से अब बाजारों और व्यापार में नुकसान होने लगा है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और विश्वबैंक की संयुक्त मंत्रिस्तरीय समिति का मानना है कि कोविड-19 महामारी का प्रभाव अभी कई वर्षों तक देखने को मिलेगा।
देश में कोविड-19 की दूसरी लहर बढ़ने के साथ ही वेंटिलेटर की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैश्विक समुदाय के लिये कोविड-19 टीके की सभी के लिये उपलब्धता सुनिश्चित करना और महामारी को खत्म करना मुख्य प्राथमिकता होनी चाहिए।
भारत में प्रतिदिन कोविड-19 रोधी टीके की औसतन 34,30,502 खुराकें दी जा रही हैं, जिसके साथ ही देश रोजाना लगाए जाने वाले टीकों की संख्या के मामले में दुनियाभर में पहले स्थान पर पहुंच गया है। अब तक 13,77,304 सत्रों में कुल 9,01,98,673 टीके लगाए जा चुके हैं।
देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1.3 करोड़ तक पहुंच चुके हैं। वहीं एक्टिव मामलों की संख्या 9 लाख के पार पहुंच गई है। देश में फिलहाल हर दिन सामने आने वाले कोरोना मामलों की संख्या 1 लाख से ज्यादा है।
चीन में काम कर रही भारतीय कंपनियों और उद्योगों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) ने यहां कोविड-19 की वजह से लागू वीजा और यात्रा अंकुशों के जारी रहने पर चिंता जताई है।
अमेरिकी श्रम विभाग के आंकड़ो से पता चलता है कि अमेरिकी नियोक्ताओं ने मार्च में 916,000 लोगों को नौकरियां दी है। इस शानदार कामयाबी की वजह से बेरोजगारी की दर 6.0 प्रतिशत तक कम हो गई है।
उद्योग मंडल फिक्की ने सरकार से विभिन्न राज्यों में कोविड-19 संक्रमण की जांच बढ़ाने को कहा है। इसके साथ ही उद्योग मंडल ने सरकार से आग्रह किया है कि 18-45 आयु वर्ग समूह के लिए टीकाकरण खोला जाए।
मजबूत वैश्विक संकेतों से लौटी जोरदार लिवाली से घरेलू शेयर बाजार झूम गया और प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स वापस 50,000 के ऊपर बंद हुआ।
इन टेस्ट को करने में उपयोग होने वाली सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसलिए राज्य सरकार ने इन टेस्ट की कीमत घटाने का फैसला किया है।
शेयर बाजार ने चालू वित्त वर्ष में विभिन्न बाधाओं के बावजूद निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया। कोविड-19 संकट और अर्थव्यवस्था पर पड़े उसके प्रभाव के बाद भी बीएसई सेंसेक्स में 66 प्रतिशत से अधिक की तेजी आयी।
किसान आंदोलन और देश में गहराते कोरोना के कहर के बावजूद रबी फसलों की कटाई और जायद सीजन की फसलों की बुवाई निर्बाध तरीके से चल रहा है।
कोरोना महामारी के समय में दुनियाभर में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा, लेकिन इसके साथ ही बीते साल में रिमोट एक्सेस प्रोटोकॉल्स के खिलाफ साइबर हमले का सिलसिला भी काफी बढ़ा है।
कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने और फसल पकने में देरी के कारण पंजाब ने गेहूं खरीद कार्यक्रम का पुनर्निर्धारण किया है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने बताया कि राज्य सरकार के अनुरोध के बाद अब खरीद का कार्यक्रम 10 अप्रैल से रखा गया है।
यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डाटा के मुताबिक, बुधवार सुबह तक अमेरिका में लगभग 6.6 करोड़ लोगों को कोविड-19 टीका लग चुका है।
अगर आप भी COVID-19 वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो इसके लिए सरकार ने तीन तरीके बताए हैं।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि संक्रमण बढ़ने के परिणामस्वरूप 21 मार्च को समाप्त सप्ताह में नोमूरा इंडिया बिजनेस रिजम्पशन इंडेक्स गिरकर 95.1 हो गया, जो इससे पहले के सप्ताह में 95.4 था।
पाकिस्तान सरकार ने स्पूतनिक वी रसियन वैक्सीन (Sputnik V) की अधिकतम खुदरा कीमत दो डोज के लिए 8,449 रुपये और चीन की कनवीडेसिया (Convidecia) के लिए प्रति इंजेक्शन 4,225 रुपये तय की है।
टीकाकरण अभियान में तेजी की मदद से देश की आधा प्रतिशत से ज्यादा आबादी यानि करीब 70 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनो खुराक मिल चुकी हैं। वहीं कम से कम एक डोज पाने वालों की संख्या 4 करोड़ के पार पहुंच गई है।
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