सरकार द्वारा पैसे वापस लेने की अफवाह पर बैंकों में लाभार्थियों की भीड़ जुटी
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत रह सकती है
दुबई में कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन है। शराब के लिए बदनाम गगनचुंबी इमारतों वाले इस रेगिस्तानी शहर की गलियां कोरोना के कारण आज एकदम वीरान पड़ी है और शहर के पबों में सन्नाटा पसरा हुआ है जिससे कर और राजस्व के इस अहम स्रोत पर काफी बुरा असर पड़ा है।
प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स में गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 900 अंकों से अधिक की तेजी देखने को मिली, जिसकी अगुवाई वित्त, आईटी और एफएमसीजी क्षेत्र के शेयरों ने की।
देश में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में 21 दिन के बंद के बीच 'घर से दफ्तर का काम' करने, ऑनलाइन पढ़ाई और मनोरंजन आदि के लिए लोग पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर हो गए हैं और इस कारण पिछले तीन हफ्ते में डाटा का इस्तेमाल 20 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
सरकार का निर्देश फिलहाल बिल्डर साइट्स पर मौजूद मजदूरों की मदद पर ध्यान दें
आयकर विभाग के मुताबिक वो कुल 18,000 करोड़ रुपये का रिफंड करेगी
सरकार से बैंकिंग औऱ एनबीएफसी सेक्टर को राहत देने की अपील
रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन हटने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से निजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ने से मांग सुधरेगी
Maruti Suzuki ने फरवरी में भी उत्पादन में 5.38 प्रतिशत की कटौती की थी।
डॉर्सी ने कहा कि अभी क्यों? इस समय इसकी बहुत जरूरत है और मैं अपने जीवनकाल में इसका प्रभाव देखना चाहता हूं।
कोरोना वायरस ने सब तरह की प्रगति को ठप्प कर दिया है। इस प्रभाव से खुशियों का प्रतीक फूल व्यवसाय भी अछूता नहीं है। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के वजीरगंज क्षेत्र में लॉकडाउन में 6 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित है।
शराब राज्य सरकारों के लिए राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है और खुदरा दुकानों के बंद होने से राज्य इस कर राजस्व से वंचित हैं जो कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए जरूरी है।
अगले हफ्ते के आंकड़ों से आगे की रणनीति पर पड़ेगा असर
पूर्व वित्त सचिव के मुताबिक सरकार को करीब 4-5 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज लेना पड़ सकता है
सरकार ने हाल ही में एविएशन कंपनियों को माल ढुलाई के लिए यात्री विमानों के इस्तेमाल की छूट दी है
देश में हर महीने बनाई जा सकती हैं दवा की 20 करोड़ टेबलेट्स
बैंग्लुरू में सबसे ज्यादा 52 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है
आवश्यक वस्तुओं की भारी मांग को देखते हुए और सड़क मार्ग से माल की आवाजाही बहुत कम होने के चलते इन मालगाड़ियों को फलों, सब्जियों, खाद्यान्नों, नमक और चीनी जैसी जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए मुक्त कराना जरूरी है।
यूरोपियन और एशियाई बाजारों में भी रहा बढ़त का रुख
लेटेस्ट न्यूज़