इससे पहले जून, 2017 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर एक प्रतिशत के निचले स्तर पर रही थी।
कच्चा तेल और उर्वरकों के उत्पादन में गिरावट के साथ आठ बुनियादी उद्योगों की नवंबर की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रही। यह बुनियादी उद्योगों की 16 महीने की न्यूनतम दर है।
बुनियादी क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर सितंबर में गिरकर 4.3 प्रतिशत रही।
आठ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की वृद्धि दर अगस्त माह में घटकर 4.2 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले समान माह में 4.4 प्रतिशत थी।
आठ बुनियादी उद्योगों की जुलाई में वृद्धि दर 6.6% रही। इसकी प्रमुख वजह कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, सीमेंट और उवर्रकों का उत्पादन बेहतर रहना है।
आठ बुनियादी उद्योग की वृद्धि दर जून में 6.7 प्रतिशत रही, जो पिछले 7 महीने का उच्चतम स्तर है। सीमेंट, रिफाइनरी और कोल सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन की वजह से ओवरऑल ग्रोथ रेट में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है।
कोयला, प्राकृतिक गैस और सीमेंट जैसे क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन की वजह से अप्रैल में आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर बढ़कर 4.7 प्रतिशत पर पहुंच गई। एक साल पहले अप्रैल में इन उद्योगों की वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत रही थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में कोयला क्षेत्र का उत्पादन 16 प्रतिशत बढ़ा।
आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर मार्च में घटकर 4.1 प्रतिशत के तीन महीने के निचले स्तर पर आ गई। कोयला, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस सहित छह क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर नीचे रही है।
पेट्रोलियम रिफाइनरी और सीमेंट उत्पादन में जोरदार बढ़ोतरी से जनवरी महीने में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही है। समीक्षाधीन महीने में इस्पात, बिजली और कोयला उत्पादन में गिरावट आई।
देश के आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर दिसंबर (2017) में घटकर 4 प्रतिशत पर आ गई, जबकि नवंबर (2017) के दौरान यह 7.4 प्रतिशत थी। आधिकारिक आंकड़ों से बुधवार को यह जानकारी मिली।
PNB ने यह भी कहा है कि ग्राहकों तक बैंकिंग सेवाएं बिना रुकावट के पहुंचाने के लिए बैंक ने सभी जरूरी कदम उठाए हैं, लेकिन नए तकनीकी बदलाव की वजह से शुरुआती दौर में बैंक सेवाओं में कुछ देरी हो सकती है
आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर नवंबर, 2017 में 6.8 प्रतिशत रही। यह एक साल से अधिक का उच्च स्तर है। एक साल पहले इसी माह में इन उद्योगों की उत्पादन वृद्धि 3.2 प्रतिशत थी।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 1.148 अरब डॉलर बढ़कर 394.55 अरब डॉलर के सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया।
आठ कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट अप्रैल में 2.5 प्रतिशत रही, जो पिछले तीन महीने का निचला स्तर है। कोयला, कच्चा तेल और सीमेंट उत्पादन में कमी आई है।
उत्पादन घटने के कारण फरवरी महीने में आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर एक प्रतिशत रह गई, जो कि पिछले एक साल में सबसे कम है।
बैंकों की पूंजी जरूरत को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि सभी सरकारी बैंक अपने नॉन-कोर बिजनेस की एक लिस्ट बनाएं और उससे बाहर निकलें।
बुनियादी ढांचा की वृद्धि जनवरी में 3.4% रही जो पांच महीने का न्यूनतम स्तर है। रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक और सीमेंट के उत्पादन में गिरावट से वृद्धि दर घटी है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3 फरवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.588 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 363.146 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने ने गुरुवार को 344 फिक्स डोज कॉम्बिनेशन (FDC) दवाओं पर रोक लगाने की केंद्र सरकार की अधिसूचना खारिज कर दी।
अक्टूबर में कोर सेक्टर की आउटपुट ग्रोथ 6.6 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले छह महीने का सबसे ऊंचा स्तर है, जो एक साल पहले इसी माह में 3.8 प्रतिशत थी।
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