एक बार नक्शा बना लें तो उसी अनुसार घर का निर्माण कराएं। बाद में बार-बार बदलाव नहीं करें। यह आपकी निर्माण लागत और लेबर काॅस्ट बढ़ाने का काम करेगा।
जेसीबी मशीन का इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन के काम में होता है। जेसीबी मशीन का रंग पीला होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कभी इसका रंग सफेद और नीला हुआ करता था। आइए जानते हैं कि जेसीबी के पीले रंग होने का क्या कारण है।
New Technology: 3डी होम प्रिंटर से बने घर पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। इसकी वजह होती है कि घर के निर्माण से पहले उसका नक्शा कैड सॉफ्टवेयर के जरिए कंप्यूटर पर डिजाइन किया जाता है।
निर्माण सामग्रियों की बढ़ी कीमतों ने लोगों के अपने आशियाने के इस सपने पर ग्रहण लगा दिया है। सरिया, सीमेंट, बालू व गिट्टी से लेकर दीवार पर लगने वाले पेंट की कीमतों में लगभग 30%-45% की बढ़ोतरी हुई है।
दिल्ली सरकार ने अपने बयान में कहा है कि कंस्ट्रक्शन वर्कर्स समाज के सबसे गरीबतम वर्ग से ताल्लुक रखते हैं और महामारी के दौरान उनपर सबसे ज्यादा बुरी मार पड़ी है।
अधिसूचना के अनुसार नए सुरक्षा मानक चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे। अप्रैल-2021 तक पहला चरण और अप्रैल 2024 तक दूसरा चरण लागू होगा। वही नए मानकों का मकसद, वाहन, उनके ऑपरेटर और इन वाहनों की उपस्थिति में अन्य वाहनों को सुरक्षित माहौल देना है।
देश में 2011 में करीब 1.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य की करीब 2.2 लाख आवासीय इकाइयों वाली परियोजनाओं की शुरूआत की गयी। सात बड़े शहरों में फैली इन परियोजनाओं का अभी पूरा होना बाकी है। जमीन-जायदाद के बारे में परामर्श देने वाली जेएलएल इंडिया ने कहा है।
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2013 या इससे भी पहले लॉन्च हुए इन प्रोजेक्ट्स पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो रहा है।
काम की सुस्त गति या अन्य कई कारणों से देशभर में 345 बुनियादी परियोजनाओं की लागत में कुल 3.28 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।
श्रम मंत्रालय ने भवन एवं अन्य निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के कल्याण के लिए नि:शुल्क बीमा सुरक्षा, 60 वर्ष की उम्र के बाद प्रति माह हजार रुपए पेंशन, बच्चों के लिए छात्रवृत्ति और चिकित्सकीय खर्च वहन करने का प्रस्ताव दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने निर्माण क्षेत्र के मजदूरों के कल्याण के मामले में सरकार के रवैये की तीखी आलोचना करते हुए कहा, ‘‘बहुत हो गया। यह तो गरीबों का शोषण है।’’ सरकार ने न्यायालय को सूचित किया था कि उसने निर्माण मजदूरों के कल्याण से संबंधित मामले में शीर्ष अदालत के निर्देशों के पालन के लिए समयसीमा निर्धारित करने हेतु समिति गठित की है।
पिछली कुछ तिमाहियों में दबाव की स्थिति में रहने के बावजूद रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र अगले पांच साल में डेढ़ करोड़ नौकरियों प्रदान करेगा।
सरकार ने बताया कि 2016-17 में नए आधार वर्ष के मुताबिक GDP वृद्धि 7.1 प्रतिशत रही। वहीं चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी वृद्धि 6.1 प्रतिशत रही।
सरकार प्रिंट मीडिया, निर्माण व रिटेल क्षेत्र के लिए FDI नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है ताकि इनमें विदेशी निवेश बढ़ाया जा सके।
रियल एस्टेट उद्योग क्षेत्र रोजगार के मामले में अप्रैल माह में सबसे आगे रहे हैं। इस क्षेत्र में कुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं।
बाजार से 211 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही अहमदाबाद की निर्माण कंपनी पीएसपी प्रोजेक्ट्स का IPO 17 मई को खुलेगा और 19 मई को बंद होगा।
ट्रैक्टर और निर्माण उपकरण वाहन बीएस 3 पर उच्चतम न्यायालय द्वारा लगाई गई पाबंदी के शिकार बन गए हैं। आरटीओ ने उनका पंजीकरण करने से मना कर दिया है।
मोदी सरकार जल्द शहरी गरीबों के लिए नई स्कीम लाने जा रही है। इसके तहत सरकार उन्हें घर का किराया देगी। इसके लिए वाउचर्स दिए जाएंगे।
केंद्र ने तीन राज्यों में 78,500 से अधिक और मकान के निर्माण को मंजूरी दी। तमिलनाडु, केरल व पश्चिम बंगाल में ये मकान शहरी गरीबों के लिए बनाए जाने हैं।
पिछले चार साल के दौरान प्रतिदिन 550 नौकरियां 'गायब' हुई हैं। यदि यही रुख जारी रहा तो 2050 तक देश में 70 लाख रोजगार समाप्त हो जाएंगे।
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