घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान है और उसने 2023-24 तक उत्पादन बढ़ाकर एक अरब टन करने की योजना बनाई है।
बीते वित्त वर्ष में देश का कोयला उत्पादन 2.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 71.60 करोड़ टन रह गया। नॉन कोकिंग कोयला का हिस्सा 67.12 करोड़ टन और कोकिंग कोयला का 4.47 करोड़ टन रहा था
यह तीसरा महीना है जब कोर सेक्टर के उद्योगों में वृद्धि दर्ज की गयी है। कोयला, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों, इस्पात, सीमेंट और बिजली का उत्पादन बढ़ा है।
इन खदानों को 25 मार्च से शुरू हुई पहली नीलामी प्रक्रिया में ऱखा गया था, हालांकि इन्हें एकल बोली ही मिली थी।
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में बिजली संयंत्रों को कोल इंडिया की आपूर्ति 27.2 प्रतिशत बढ़कर 20.59 करोड़ टन पर पहुंच गयी।
खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी कोल इंडिया लि.(सीआईएल) बढ़ी हुई लागत और वेतन में लंबित बदलाव के प्रभाव को कम करने के लिए सूखे ईंधन की कीमतों में कम से कम 10-11 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है।
बिजली मंत्री ने यह भी इच्छा व्यक्त की कि मंत्रालय बिजली संयंत्रों द्वारा इन खानों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कैप्टिव खानों वाले बिजली संयंत्रों की एक अलग समीक्षा करे।
यह सॉफ्टवेयर पेश किया जाना इस वजह से महत्व रखता है कि कोयला संसाधन अन्वेषण के लिए वर्तमान भूकंपीय सर्वेक्षण तकनीकों में पृथ्वी के नीचे पतले कोयला सीम की पहचान करने से जुड़ी क्षमताएं सीमित हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी हर साल 4 लाख किलोलीटर डीजल का उपयोग करती है और इस पर कंपनी का वार्षिक खर्च 3500 करोड़ रुपये से अधिक है।
जून में कुल कोयला आयात में नॉन-कोकिंग कोल का हिस्सा 1.30 करोड़ टन रहा। वहीं इस दौरान कोकिंग कोयले का आयात 24.6 लाख टन से बढ़कर 40.6 लाख टन पर पहुंच गया
बयान के अनुसार, स्टॉक की दैनिक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए बिजली मंत्रालय, सीईए और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक कोर प्रबंधन टीम (सीएमटी) का गठन करने का फैसला किया गया।
कोल इंडिया के कर्मचारियों के वेतन में प्रत्येक पांचवें साल में संशोधन किया जाता है। कर्मचारियों की वेतनवृद्धि जुलाई, 2021 में होनी थी।
सार्वजानिक क्षेत्र की महारात्न कंपनी ने अपने पूंजीगत व्यय बजट को 2020-21 के वित्तीय वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये के शुरुआती अनुमान से संशोधित कर 13,115 करोड़ रुपये कर दिया था।
सीजी नेचुरल रिर्सोसेज छत्तीसगढ़ स्थित खरगांव कोयला ब्लॉक के लिये सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी है।
महाराष्ट्र में वाणिज्यिक उपयोग के लिये कोयला खदानों की नीलामी में सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी लि.सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी है।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह में देश का कोयला आयात 25.4 प्रतिशत बढ़कर 4.21 करोड़ टन पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3.36 करोड़ टन था।
मंत्रालय के मुताबिक 19 कोयला खदानों के लिए कुल 34 बोलियाँ प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 10 पूरी तरह से खोजी गई खदानें हैं और 9 आंशिक रूप से खोजी गई खदानें हैं।
कोल इंडिया की झारखंड स्थित सब्सिडियरी यूनिट भारत कोकिंग कोल लि. (बीसीसीएल) से ई-नीलामी के जरिये खरीदा गया कोयला बांग्लादेश के खुलना स्थित रामपल बिजली घर के लिये भेजा गया है।
बीते वित्त वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ ने सबसे अधिक 15.84 करोड़ टन का कोयला उत्पादन दर्ज किया। ओडिशा 15.41 करोड़ टन के उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
कोयला, प्राकृतिक गैस, रिफायनरी प्रोडक्ट, स्टील, सीमेंट और बिजली उत्पादन में बढ़त देखने को मिली है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठों कोर सेक्टर की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है।
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