17 बिजली संयंत्र ऐसे हैं जिनके पास शून्य कोयला भंडार है, जबकि 22,550 मेगावॉट क्षमता के 20 पावर प्लांट्स के पास एक दिन का कोयला भंडार शेष है।
त्योहारी सीजन से पहले भारत में बड़ा संकट पैदा होने का खतरा मंडरा रहा है। अगर सरकार ने इसे लेकर जल्द कदम नही उठाए तो इसका असर बड़े स्तर पर देखने को मिल सकता है।
कुछ राज्यों में फिर से लॉकडाउन की आशंका से दूसरी तिमाही में भी अनिश्चितता बढ़ी
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया की बिजली क्षेत्र को कोयला आपूर्ति चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि में 6.8 प्रतिशत घटकर 37.79 करोड़ टन रही।
कोल इंडिया वित्त वर्ष 2023-24 तक अपने उत्पादन को एक अरब टन तक पहुंचाएगी। कोल इंडिया को अभी 66 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है
सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर की अवधि में 8.5 प्रतिशत घटकर 25.3 करोड़ टन रह गई है।
बिजली का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने कोल इंडिया लिमिटेड (CIL/Coal India Limited) को छत्तीसगढ़ के कोरबा क्षेत्र से रेलवे के जरिए कोयले की आपूर्ति (Coal supply) बढ़ाने को कहा है।
रेलवे ने दादरी समेत देश के उत्तरी भागों में स्थित बिजलीघरों के लिए कोयला आपूर्ति बढ़ाने के वास्ते मालगाड़ी की उपलब्धता बढ़ाई है। उत्तर भारत के कुछ बिजलीघरों में कोयले का भंडार चिंताजनक स्तर पर पहुंचने के बीच रेलवे ने यह कार्य योजना तैयार की है।
बिजली घरों को कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने आज एक नई कोल सप्लाई पॉलिसी को मंजूरी दे दी।
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