कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लि.(एससीसीएल) के गैर-कार्यकारी कैडर कर्मचारियों को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 72,500 रुपये का पीएलआर मिलेगा।
घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान है और उसने 2023-24 तक उत्पादन बढ़ाकर एक अरब टन करने की योजना बनाई है।
चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में बिजली संयंत्रों को कोल इंडिया की आपूर्ति 27.2 प्रतिशत बढ़कर 20.59 करोड़ टन पर पहुंच गयी।
खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी कोल इंडिया लि.(सीआईएल) बढ़ी हुई लागत और वेतन में लंबित बदलाव के प्रभाव को कम करने के लिए सूखे ईंधन की कीमतों में कम से कम 10-11 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है।
यह सॉफ्टवेयर पेश किया जाना इस वजह से महत्व रखता है कि कोयला संसाधन अन्वेषण के लिए वर्तमान भूकंपीय सर्वेक्षण तकनीकों में पृथ्वी के नीचे पतले कोयला सीम की पहचान करने से जुड़ी क्षमताएं सीमित हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी हर साल 4 लाख किलोलीटर डीजल का उपयोग करती है और इस पर कंपनी का वार्षिक खर्च 3500 करोड़ रुपये से अधिक है।
बयान के अनुसार, स्टॉक की दैनिक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए बिजली मंत्रालय, सीईए और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक कोर प्रबंधन टीम (सीएमटी) का गठन करने का फैसला किया गया।
कोल इंडिया के कर्मचारियों के वेतन में प्रत्येक पांचवें साल में संशोधन किया जाता है। कर्मचारियों की वेतनवृद्धि जुलाई, 2021 में होनी थी।
सार्वजानिक क्षेत्र की महारात्न कंपनी ने अपने पूंजीगत व्यय बजट को 2020-21 के वित्तीय वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये के शुरुआती अनुमान से संशोधित कर 13,115 करोड़ रुपये कर दिया था।
कोल इंडिया की झारखंड स्थित सब्सिडियरी यूनिट भारत कोकिंग कोल लि. (बीसीसीएल) से ई-नीलामी के जरिये खरीदा गया कोयला बांग्लादेश के खुलना स्थित रामपल बिजली घर के लिये भेजा गया है।
बीते वित्त वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ ने सबसे अधिक 15.84 करोड़ टन का कोयला उत्पादन दर्ज किया। ओडिशा 15.41 करोड़ टन के उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
कंपनी के बोर्ड ने ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्रति शेयर 10 रुपए के अंकित मूल्य पर और 3.50 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड देने का ऐलान किया है।
लाभांश का अंतिम हिस्सा 2-2.5 रुपये प्रति शेयर हो सकता है। इस तरह कुल लाभांश 15 रुपये प्रति शेयर से कम तक हो सकता हैं।
सूत्रों ने कहा कि 27 मार्च तक कोल इंडिया का उत्पादन 58.5 करोड़ टन रहा है। माह के शेष दिनों में 1.1 करोड़ टन का और उत्पादन होगा। इस तरह कंपनी का कुल उत्पादन 59.6 से 59.7 करोड़ टन के बीच रहेगा।
तिमाही के दौरान कारोबार से आय 2.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23686 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई है। पिछले साल की दिसंबर तिमाही में कंपनी की कारोबार से आय 23190 करोड़ रुपये के स्तर पर थी।
कोल इंडिया ने बयान में कहा कि 2020-21 के 10,000 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। कुल 3,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश में सीआईएल की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सब्सिडियरी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि.का हिस्सा करीब 800 करोड़ रुपये है।
नवंबर के महीने के दौरान कोल इंडिया द्वारा बिजली क्षेत्र को की गई ईंधन की आपूर्ति 3.938 करोड़ टन पर स्थिर रही। पिछले साल के इसी महीने में कोल इंडिया द्वारा कोयले की आपूर्ति 3.912 करोड़ टन हुई थी।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान कोल इंडिया का शुद्ध लाभ 16 प्रतिशत घटकर 2,951 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3,523 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। कोल इंडिया ने शेयर बाजार को बताया कि इस अवधि में उसकी बिक्री आय 19,484 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 18,986 करोड़ रुपये थी।
कंपनी ने जानकारी दी है कि 20 करोड़ और उससे अधिक की लागत वाली 123 कोयला परियोजनाओं में काम जारी है जिसमें से 69 परियोजनाएं अपने निर्धारित समय पर हैं वहीं 54 परियोजनाएं देरी से चल रही
तिमाही के दौरान कंपनी की आय 25.9 फीसदी की गिरावट के साथ 18487 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गई। पिछले साल की इसी तिमाही में ये आंकड़ा 24,939 करोड़ रुपये का था। वहीं अन्य आय 32 फीसदी की गिरावट के साथ 785 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गई।
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