जून 2024 के दौरान कुल आयात में से गैर-कोकिंग कोयले का आयात 1.41 करोड़ टन रहा, जो पिछले साल जून में आयात किए गए 1.32 करोड़ टन से अधिक है।
पिछले वित्त वर्ष की फरवरी में देश का कोयला आयात बढ़कर 2.16 करोड़ टन हो गया है। वहीं, भारत द्वारा अप्रैल से लेकर फरवरी तक 88.07 करोड़ टन कोयले का प्रोडक्शन किया गया है।
Coal Big Information: छह कोयला खदानों की नीलामी सफलतापूर्वक संपन्न होने के साथ अबतक कुल 92 खदानों की वाणिज्यिक नीलामी पूरी की जा चुकी है।
सितंबर में कुल कोयला आयात में नॉन-कोकिंग कोल का हिस्सा 92.2 लाख टन रहा। पिछले साल सितंबर में यह आंकड़ा 1.19 करोड़ टन रहा था। वहीं इस दौरान कोकिंग कोयले का आयात 45.8 लाख टन से घटकर 42.7 लाख टन पर आ गया।
केरल की सरकार हालात पर पैनी नज़र बनाए हुए है। आम लोगों से अपील की गई है कि वे सोच समझकर बिजली खर्च करें नहीं तो भविष्य में संकट आ सकता है।
देश में इस वर्ष कोयला का हालांकि रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, लेकिन अत्यधिक वर्षा ने कोयला खदानों से बिजली उत्पादन इकाइयों तक ईंधन की आवाजाही को ख़ासा प्रभावित किया है।
लॉकडाउन में छूट और विदेशी बाजारों में कीमतें घटने से अप्रैल के मुकाबले मई में आयात 10% बढ़ा
देश में कोयले का आयात 2019-20 में 3.2 प्रतिशत बढ़कर 24.3 करोड़ टन रहा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैर-कोकिंग कोयले की कीमतों में नरमी के चलते जून में देश में कोयले का आयात 28.7 फीसदी बढ़कर 2.414 करोड़ टन रहा। एमजंक्शन सर्विसेज के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले साल जून में 1.875 करोड़ टन कोयले का आयात हुआ था।
देश में इस साल अप्रैल में कोयले का आयात 15 फीसदी घटकर 1.59 करोड़ टन रहा। पिछले साल इसी अवधि में यह 1.87 करोड़ टन रहा था।
सरकार चालू वित्त वर्ष में कोयला आयात में कमी के जरिये 40,000 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत का लक्ष्य लेकर चल रही है।
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