SBI का कहना है कि अप्रैल 2017 में सहयोगी बैंकों का SBI में विलय होने के बाद सहयोगी बैंकों के बचत खातों की संख्या भी इसमें शामिल हो गई। ग्राहकों के खाते SBI के साथ-साथ सहयोगी बैंकों में होने की वजह से बंद हुए बचत खातों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है।
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