मंत्रालय की तरफ से एयरलाइंस कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे विजिबिलिटी से जुड़ी समस्याओं के कारण संभावित देरी/कैंसिलेशन के बारे में यात्रियों से सक्रिय रूप से संवाद करें और यह सुनिश्चित करें कि टिकट बुकिंग के दौरान सही यात्री संपर्क जानकारी दर्ज की जाए।
मार्च, 2024 को खत्म हुए पिछले वित्त वर्ष में 101 हवाई अड्डों के रखरखाव और मरम्मत पर कुल 795.72 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में ये खर्च 663.42 करोड़ रुपये था।
नागर विमानन मंत्रालय ने महामारी की दूसरी लहर के कारण एक जून से यात्रियों की अनुमति योग्य क्षमता को घटाकर 50 प्रतिशत कर दिया था।
कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण हवाई यात्रियों की संख्या में भारी कमी आई है, जिसकी उनकी आय घटी है।
भारत में एटीएफ का दाम दुनिया में सबसे अधिक है। उद्योग लंबे समय से एटीएफ को जीएसटी के तहत लाने की मांग कर रहा है।
त्योहारी मौसम के मद्देनजर यात्रियों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में आगामी दिनों में एयरलाइंस को सामान्य क्षमता पर 70 से 75 प्रतिशत उड़ानों की अनुमति दी जा सकती है।
मंत्रालय ने 26 जून के आदेश को संशोधित करते हुए 45 प्रतिशत क्षमता के स्थान पर 60 प्रतिशत क्षमता के साथ उड़ानें परिचालित करने की अनुमति दे दी है।
9 महीने पहले इसको लेकर जो दिशा निर्देश ड्राफ्ट किए थे उन्हें मंजूरी दे दी है। सोमवार को नागर विमानन मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई है
नागर विमानन मंत्रालय ने देश में जलाशयों में एयरोड्रम बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके पहले चरण के लिए ओडिशा के चिल्का झील और गुजरात के सरदार सरोवर बांध तथा साबरमती रिवर फ्रंट की पहचान की गयी है।
नागर विमानन मंत्रालय एयर इंडिया को 11,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज उपलब्ध कराने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ विचार विमर्श कर रहा है
इस योजना से अब दूरदराज के क्षेत्रों जैसे करगिल और फ्रंटियर लद्दाख के साथ तीसरी श्रेणी के शहरों में 73 नए एयरपोर्ट या हेलिपैड के लिए विस्तार किया हो सकेगा
उड़ान योजना के तहत अधिक मार्गों पर परिचालन शुरू होने के साथ नागर विमानन मंत्रालय को आशंका है कि विमानन कंपनियों को उड़ानों को आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक बनाने के लिए (वीजीएफ) धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार असैन्य विमान के विनिर्माण पर विचार कर रही है और इस बाबत तेजी से आगे बढ़ना चाहती है। नागर विमानन मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी।
जहां चारों ओर इस बात की चर्चा है कि सरकार एयर इंडिया के प्राइवेटाइजेशन की तैयारी में है वहीं सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को इस प्रस्ताव की जानकारी नहीं है।
दो एयरलाइंस एयर ओडिशा और एयर डेक्कन कम लागत की उड़ान योजना के तहत सितंबर अंत तक परिचालन शुरू कर सकती हैं।
विमानन मंत्रालय का कहना है कि एयरलाइनों को GST का अनुपालन करने लिए अपनी प्रणालियों में बदलाव के लिए कुछ और वक्त की जरुरत है।
एयर इंडिया के सूत्रों का कहना है कि कंपनी की मूर्त व अमूर्त आस्तियां कंपनी के ऊपर 52,000 करोड़ रुपए से अधिक कर्ज को चुकाने के लिए पर्याप्त हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल घाटे में चल रही एयर इंडिया के प्राइवेटाइजेशन पर जल्दी ही कुछ निर्णय कर सकता है।
उड़ान योजना के तहत सरकार दूसरे चरण के मार्गों का बंटवारा अगस्त से शुरू कर सकती है। इसके लिए उसने योजना में कुछ बदलाव प्रस्तावित किए हैं।
अप्रैल में भारतीय विमानन कंपनियों ने कुल मिलाकर 91.34 लाख यात्रियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाया जबकि गत वर्ष समान महीने में यह संख्या 79.32 लाख रही थी।
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