जापान सेमीकंडक्टर परिवेश के संयुक्त विकास और अपनी ग्लोबल सप्लाई चेन की मजबूती को बनाए रखने के लिए भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला अमेरिका के बाद दूसरा क्वाड पार्टनर है।
एनवीडिया रिलायंस के डेटा सेंटरों के लिए अपने ब्लैकवेल एआई प्रोसेसर की आपूर्ति करेगी। इसके अलावा कंपनी योट्टा डेटा सर्विसेज और टाटा कम्युनिकेशंस जैसी कंपनियों के डेटा सेंटरों को हॉपर एआई चिप्स देगी।
सेमीकंडक्टर भारत के डिजिटल परिवर्तन लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार प्रौद्योगिकी का लाभ देश के दूरदराज और तथा ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने पर ध्यान दे रही है।
नीदरलैंड्स की एनएक्सपी सेमीकंडक्टर्स अगले कुछ सालों में भारत में अपनी आरएंडडी गतिविधियों को दोगुना करने के लिए एक अरब डॉलर (8400 करोड़ रुपये) से ज्यादा का निवेश करने की योजना बना रही है।
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में ग्लोबल कोलैबोरेशन की दिशा में काम करने ग्लोबल एसोसिएशन 'सेमी' के प्रेसीडेंट व सीईओ अजीत मनोचा ने कहा कि यह अकल्पनीय होने के साथ अद्भुत है। सेमीकॉन कई देशों में आयोजित हो चुके हैं। मगर, भारत में यह पहला संस्करण है और अन्य देशों की तुलना में यह चार से पांच गुना ज्यादा बड़ा आयोजन है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हम अब उस चरण में हैं जब सेमीकॉन प्रोजेक्ट का पहला चरण पूरा हो गया है और अब हम सेमीकॉन 2.0 तैयार कर रहे हैं जो सेमीकॉन 1.0 का ही अगला और नया रूप होगा। नए प्रोजेक्ट को लागू करने में हमें तीन से चार महीने का समय लगेगा।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का भारत दुनिया में विश्वास जगाता है। जब मुश्किलें आती हैं, तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं। सेमीकंडक्टर विनिर्माण में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश पहले ही किया जा चुका है और कई परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र के प्रतिनिधियों को आश्वास्त किया कि सरकार एक अनुकूल और स्थिर नीतिगत व्यवस्था का पालन करेगी। उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार हर कदम पर उद्योग को समर्थन देना जारी रखेगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस.कृष्णन ने कहा कि सरकार के पास अब भी छोटी परियोजनाओं को समायोजित करने की गुंजाइश है।
भारत के अदाणी ग्रुप और इजराइल की कंपनी टावर सेमीकंडक्टर की ओर से महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पनवेल में स्थापित किए जा रहे सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट को हाल ही में महाराष्ट्र सरकार की ओर से अनुमति मिली है।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3,300 करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए कायन्स सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है, जो प्रतिदिन लगभग 60 लाख चिप्स का उत्पादन करेगी।
जागीरोड में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की अत्याधुनिक परियोजना में 27,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और इससे 30,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। संयंत्र का पहला चरण 2025 के मध्य तक चालू होने की उम्मीद है।
1968 में स्थापित दिग्गज अमेरिकी चिप मेकर इंटेल बड़ी छंटनी करने जा रही है। इंटेल ने बताया कि वो अपने करीब 15000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक और सेमीकंडक्टर उत्पादों में भारत की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए गठित टास्क फोर्स बड़ी राशि के अलॉटमेंट की सिफारिश कर सकती है।
कंपनी धोलेरा के विशेष औद्योगिक क्षेत्र में ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के साथ साझेदारी में स्थापित कर रही है। टाटा की असम फैसिलिटी 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से बनाई जाएगी।
चिप डिजाइन में भारत के पास पहले से ही गहरी क्षमताएं हैं। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इन इकाइयों के साथ देश चिप निर्माण में भी क्षमता विकसित करेगा, जिससे आने वाले वर्षों में चीन की बाजार हिस्सेदारी और भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने माइक्रोन और टाटा सहित चार खिलाड़ियों को 76,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएसएमसी के साथ साझेदारी में धोलेरा में सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र लगाने के टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्लांट के बनने से यहां 20,000 से अधिक रोजगार पैदा होंगे।
चंद्रशेखर ने कहा कि 2022 में प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर नीति की घोषणा की थी और इसने तुरंत वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया।
माइक्रोन टेक्नोलॉजी अहमदाबाद के पास साणंद में 2.75 अरब डॉलर का प्लांट स्थापित कर रही है। गुजरात में बड़े पैमाने की परियोजनाएं स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। कंपनियों ने सेमीकंडक्टर उद्योग, असेंबली परीक्षण, पैकेजिंग, अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
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