देश भर में व्यापारी कैट के भारतीय सामान - हमारा अभिमान एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत को जमीनी स्तर तक सफल बनाने में भारतीय सामानों को प्रमुखता से बेचे जाने के लिए स्टॉक का संग्रह कर रहे हैं।
दीयों के अलावा, आयेग गोबर, गौमूत्र और दूध से बने अन्य उत्पादों जैसे कि एंटी-रेडिएशन चिप, पेपर वेट, गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों, अगरबत्ती, मोमबत्तियों और अन्य चीजों के उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है।
लगभग 600 शहरों में सामाजिक दूरी एवं सुरक्षा के सभी नियम का पालन करते हुए व्यापारी सार्वजनिक प्रदर्शन करेंगे।
कैट का दावा है कि देशभर में 40,000 से अधिक व्यापारी संगठन और उनके सात करोड़ सदस्य उससे जुड़े हैं। चीनी सामान का बहिष्कार करने के लिए कैट ने देशभर में ‘भारतीय सामान हमारा अभिमान’ अभियान चलाया है।
भारत और चीन के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के मद्देनजर गुजरात के अहमदाबाद शहर के सबसे बड़े मोबाइल फोन बाजार के दुकानदारों ने कहा कि उन्होंने आगे से चीनी गैजेट नहीं बेचने का फैसला किया है।
प्रस्तावित बीएटी आयातित उत्पादों पर सीमा शुल्क के अतिरिक्त लगाया जाएगा। इससे आयातित उत्पादों का दाम स्थानीय स्तर पर विनिर्मित उत्पादों के बराबर हो सकेगा।
बाबा रामदेव ने अपने ट्विटर हेंडल पर लिखा ’’#मसूदअजहर समर्थक #China सहित जो भी देश और देश के अंदर लोग हैं उनका हमें राजनैतिक, सामाजिक. आर्थिक तौर पर बहिष्कार करना चाहिए, चीन तो विशुद्ध रूप से व्यवसायिक भाषा ही समझता है, आर्थिक बहिष्कार युद्ध से ज्यादा ताकतवर है।’’
सस्ते और कम गुणवत्ता वाले चीनी माल की देश में बढ़ती डंपिंग और उससे घरेलू उद्योग को होने वाले नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए संसद की एक स्थायी समिति ने सरकार से किसी भी तरह के अवैध, संरक्षणवादी और अनुचित व्यापार व्यवहार के समक्ष घरेलू उद्योगों को पूर्ण सुरक्षा देने की सिफारिश की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ व्यापार संबंधी विवाद को तेज करते हुए चीनी उत्पादों पर 100 अरब अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाने को कहा है।
सिर्फ मेड इन इंडिया सामान को खरीदने शपथ लेनी होगी और साथ में वेबसाइट के माध्यम से अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल पता, शहर का नाम और पता भरना होगा
भारत में चीन के उत्पादों की मांग लगातार घट रही है और आगामी महीनों में चीन से आयात में भारी गिरावट आ सकती है। देसी प्रोडक्ट्स के प्रति बढ़ रहा है आकर्षण।
चीन के सामान को भारतीय बाजारों से दूर करने के लिए मोदी सरकार ने नया नायाब तरीका अपनाया है। अब चीन को सामान पर मिलने वाली ड्यूटी फीस में छूट कम होगी।
भारत में चाइनीज प्रोडक्ट के खिलाफ हो रहे जोरदार विरोध के बीच चौंकाने वाली खबर सामने आई है। चीनी कंपनियां कीमतों में बढ़ोतरी करने की तैयारी में हैं।
1978 के बाद China में तेजी से आर्थिक सुधार India के मुकाबले ज्यादा प्रभावी साबित हुए और 2015 में चीनी, भारतीयों के मुकाबले 5 गुना अधिक अमीर हो गए।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार भारत के विनिर्माण क्षेत्र की तेज रफ्तार से निवेशक मोटा मुनाफा कमाएंगे और वहां से दूर रहना एक गलत फैसला होगा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने 20 शहरों के बाजारों से जुटाए डेटा के आधार पर अब तक चाइनीज सामान की बिक्री दिवाली के सीजन पर 45% गिरने का अनुमान है
भारतीय मूर्तिकारों ने इस बार ड्रैगन का दम निकाल दिया है। दिवाली के लिए सजे बाजारों से चीन से आयातित देवी देवताओं की मूर्तियां यानी गॉड फिगर गायब हैं।
प्रोडक्ट्स के बायकॉट से चीन बौखलाया गया है। इस पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि, भारतीय मेहनती नहीं होते हैं, सिर्फ उन्हें भौंकना आता है।
सोशल मीडिया पर इस दिवाली चीनी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया जा रहा है, इसका असर दिख रहा है। इसके कारण चाइनीज प्रोडक्ट की बिक्री 30 फीसदी तक घटेगी।
भारत में चीनी सामानों के बहिष्कार का अभियान जारी है, लेकिन इसके बावजूद त्योहारी मौसम में भारत में चीनी माल की रिकॉर्ड बिक्री हुई है।
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