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भारतीय आवास बाजार में 2-5 करोड़ रुपये की कीमत वाले घरों की मजबूत मांग देखी गई। हैदराबाद और पुणे ने अब तक के उच्चतम स्तर को छुआ और मुंबई ने 13 साल का शिखर दर्ज किया।
क्वॉडरेंट फ्यूचर टेक, इस आईपीओ के लिए 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले कुल 1,00,00,000 शेयर जारी करेगी। ये सभी एक करोड़ शेयर फ्रेश होंगे और इसमें ओएफएस का कोई हिस्सा नहीं होगा। गुरुवार, 9 जनवरी को आईपीओ बंद होने के बाद शुक्रवार, 10 जनवरी को शेयरों का अलॉटमेंट कर दिया जाएगा।
31 दिसंबर को खुला ये आईपीओ 2 जनवरी को बंद हुआ था। इस आईपीओ को कुल 229.68 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। इंडो फार्म के आईपीओ को मिले ताबड़तोड़ सब्सक्रिप्शन को देखते हुए ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि कंपनी के शेयर अच्छे-खासे प्रीमियम के साथ मार्केट में लिस्ट होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पिछले सत्र में सोने की कीमतों में गिरावट मुख्य रूप से हाजिर बाजारों से कमजोर मांग और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के कारण हुई। सोमवार को, 10-वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड मई 2024 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
शुरुआती कारोबार में निफ्टी पर ओएनजीसी, बीपीसीएल, टाटा कंज्यूमर, एचसीएल टेक, टाइटन कंपनी प्रमुख लाभ वाले शेयर के तौर पर उभरे। सभी सेक्टर हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। तेल एवं गैस इंडेक्स 1 प्रतिशत ऊपर है।
अगर आपके पास कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तो इसका मतलब है कि आप नए हैं। कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होने का मतलब है कोई हाई/लो क्रेडिट स्कोर नहीं है। यह शुरू में एक अच्छी बात लग सकती है, लेकिन जब किसी भी तरह के लोन लेने का समय आता है, तो इससे परेशानी हो सकती है।
6 जनवरी को जारी एक आदेश में, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पिछले साल अक्टूबर में अकासा एयर के ऑडिट में पाया कि पायलट ने हार्ड लैंडिंग की थी, जिसका मतलब है कि विमान रनवे से असामान्य रूप से टकराया था।
अदाणी पेट्रोकेमिकल्स गुजरात के मूंदड़ा में एक पेट्रोरसायन संकुल विकसित कर रही है। इसमें पीवीसी संयंत्र भी शामिल है। संयंत्र के निर्माण में कुल लागत लगभग 35,000 करोड़ रुपये अनुमानित है।
भारत में 2024 में घरों की बिक्री में कोरोना के बाद पहली बार गिरावट आई। घरों की कीमत बढ़ने से मांग घटी है। इसके चलते इस बार रियल एस्टेट सेक्टर बजट से काफी उम्मीदें लगाए हुए हैं।
देश के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन चालू विपणन वर्ष 2024-25 (अक्टूबर-सितंबर) की पहली तिमाही के दौरान घटकर 32.80 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 34.35 लाख टन था।
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