कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया है।
अगर डंपिंग की बात साबित होती है और यह पता चलता है कि इससे घरेलू कंपनियों को नुकसान हुआ है तो महानिदेशालय रसायन के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा।
घरेलू फर्नीचर उद्योग का आकार लगभग 5 अरब डॉलर है। भारत का निर्यात लगभग 1.5 अरब डॉलर के आसपास है।
चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस सप्ताह लगातार चार दिनों तक कच्चे तेल के दाम पर दबाव बना रहा और इन चार दिनों में बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का दाम करीब पांच डॉलर प्रति बैरल टूट गया है।
पिछले साल चीन की जीडीपी वृद्धि की रफ्तार 6.1 प्रतिशत रही, जो कि पिछले तीन दशक में सबसे धीमी है।
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के बाद अमेरिका के शेयर सूचकांक डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज और एसएंडपी 500 ने रिकॉर्ड बनाया।
अमेरिका ने बुधवार (15 जनवरी) को चीन के साथ पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक बताया है।
आखिरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2015 में भारत का दौरा किया था। वह पहले ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति थे जिन्होंने भारत के गणतंत्र समारोह में शिरकत की थी।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि चीन के उप-प्रधानमंत्री लियू हे अमेरिका के साथ 'पहले चरण' का व्यापार समझौता करने के लिए सोमवार को अमेरिका जाएंगे।
अफ्रीकी देश गैर-बासमती चावल के लिए भारत के सबसे बड़े बाजार रहे हैं, लेकिन इन देशों में चीन का चावल पहुंचने से भारत के सामने नया प्रतिस्पर्धी खड़ी हो गई है।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस पर जनवरी में हस्ताक्षर हो सकते हैं।
समझौते को राष्ट्रपति ट्रंप की अंतिम मंजूरी मिलना अभी बाकी है। हालांकि ट्रंप ने गुरुवार की सुबह ट्वीट कर कहा कि चीन के साथ व्यापार समझौते के बेहद करीब।
पाकिस्तान की जनता को यह क्यों नहीं पता है कि सीपीईसी सबसे महंगी परियोजना है।
पिछले अनुमान में 2018 में देश की जीडीपी 90,030 अरब युआन या 12,800 अरब डॉलर आंका गया था
बैंक ऑफ चाइना ने अगस्त में एक नई नीतिगत दर के साथ बाजार में बदलाव को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने की योजना की घोषणा की थी।
भारत और अमेरिका को काफी उम्मीदें हैं कि इस साल की समाप्ति से पहले दोनों देश व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर लेंगे।
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध से भारत को व्यापार मोर्चे पर फायदा पहुंचा है। भारत ने 2019 की पहली छमाही में अमेरिका को 75.5 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निर्यात किया है।
आर्थिक नरमी और स्थानीय स्तर पर ऊंची कीमतों की वजह से भारत की सोने की मांग पिछले साल के मुकाबले इस साल सितंबर तिमाही में 32 प्रतिशत घटकर 123.9 टन पर आ गई है।
भारत ने सोमवार को निर्णय लिया कि वह 16 देशों के आरसेप (RCEP) व्यापार समझौते का हिस्सा नहीं बनेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वह ऐसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए खाका तैयार करेंगी जो चीन से आगे भारत को निवेश गंतव्य के रूप में देख रही हैं।
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