चाइना डिसेंट मॉनिटर का नेतृत्व करने वाले केविन स्लेटन ने कहा कि श्रमिकों का विरोध अक्सर वेतन विवाद और व्यावसायिक सुरक्षा से जुड़ा होता है।
एक समय दुनिया की फैक्ट्री कहे जाना वाला चीन धीरे-धीरे गंभीर मंदी की चपेट में फंसता जा रहा है। एक के बाद एक आर्थिक आंकड़ें इसकी गवाही दे रहे हैं। वहीं, भारत बिना किसी बाधा के तेजी से आगे बढ़ रहा है। दुनियाभर के निवेशक अब भारत की ओर रुख कर रहे हैं।
इस चुनौतीपूर्ण समय में अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उत्पादन बढ़ाएं।
भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था और बाजार के परिपक्व होने के बाद चीन की ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भारत के ऑटो मार्केट में प्रवेश करने की योजना बनाई है।
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