मूडीज ने कहा, ‘‘अमेरिकी नीति में इस बदलाव से भारत और आसियान देशों को फायदा हो सकता है। अमेरिका-चीन के बीच लगातार ध्रुवीकरण से क्षेत्र में भू-राजनीतिक बंटवारा बढ़ने का भी खतरा है जो सेमीकंडक्टर की ग्लोबल सप्लाई में खलल डाल सकता है।’’
बोतलबंद पानी ‘नोंगफू स्प्रिंग’ के दिग्गज झोंग शानशान 2024 में 47.9 अरब अमेरिकी डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गए। फरवरी में उनके ब्रांड ‘नोंगफू स्प्रिंग’ को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा।
सरकार ने आइसोप्रोपिल अल्कोहल पर विभिन्न चीनी फर्मों पर 82 अमेरिकी डॉलर प्रति टन और 217 अमेरिकी डॉलर प्रति टन शुल्क लगाया है, जिसका चिकित्सा और औद्योगिक उपयोग है।
मैक्वेरी ने इसमें कहा है कि चीन द्वारा की गई प्रोत्साहन पहल निवेशकों को आकर्षित कर सकती है। इसके साथ ही, ऐसी भी संभावनाएं हैं कि इस तरह की और घोषणाएं चीनी शेयरों को बढ़ावा दे सकती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए भारत का दबदबा बना रहेगा।
चीन को निर्यात आलोच्य अवधि में बढ़कर 6.91 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 2023-24 में अप्रैल-सितंबर के दौरान 7.63 अरब डॉलर था। अमेरिका 2023-24 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।
शंघाई और शेनझेन बाजारों में कारोबार करने वाले शीर्ष 300 शेयरों पर नज़र रखने वाले सीएसआई300 इंडेक्स में 5.6 प्रतिशत की गिरावट आई। चीनी शेयरों में भारी गिरावट आई, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि बाजार अब आधे-अधूरे वादों को नहीं खरीद रहा है।
चीनी सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की और बैंकिंग सिस्टम में 143 अरब डॉलर की पूंजी देने का ऐलान किया। सेंट्रल बैंक ने सूचीबद्ध फर्मों के लिए अपने शेयर वापस खरीदना भी आसान बना दिया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 30 जुलाई को कहा था कि सरकार चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को समर्थन देने पर कोई पुनर्विचार नहीं कर रही है।
अगस्त 2024 में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सिंगापुर, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, नेपाल, बेल्जियम और तुर्की को होने वाले निर्यात में भी गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान यूएई, स्विट्जरलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान, थाईलैंड, वियतनाम और ताइवान से आयात में बढ़ोतरी हुई है।
चीन अपने यहां घटती आबादी से परेशान है। वहां बड़ी संख्या में लोग बूढ़े हो रहे हैं, इससे सरकार पर पेंशन का बोझ बढ़ रहा है।
विश्लेषकों के अनुमान के अनुसार, एमएससीआई ईएम आईएमआई में हुए इस बदलाव के बाद भारतीय इक्विटी में लगभग 4 से 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रवाह दिखाई दे सकता है।
MSCI IMI इंडेक्स में 3355 कंपनियों के शेयर शामिल हैं, जिनमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां हैं। इस इंडेक्स में उभरते बाजार वाले 24 देशों के शेयर शामिल हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका की कार्रवाई एकदम एकतरफा प्रतिबंध और लांग आर्म ज्युरिसडिक्शन है, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था और नियमों को ख़त्म करती है।
संथानम सुब्रमण्यन ने एक्सपर्ट्स के साथ बातचीत में कहा, ''चीन प्लांट के वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही से शुरू होने और चौथी तिमाही से उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।'' उन्होंने कहा कि इस प्लांट में वित्त वर्ष 2025-26 में पूरी तरह से प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।
वरिष्ठ एनालिस्ट सौमेन मंडल ने कहा कि दोपहिया मार्केट मैच्योरिटी की तरफ बढ़ रहा है, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ विशेषकर 2025 के बाद लोगों का रुझान बढ़ने वाला है।
जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी खटास आई है। भारत हमेशा से कहता रहा है कि सीमा क्षेत्रों पर शांति से पहले उसके चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं।
मुद्रा कोष ने यह भी कहा कि बढ़ती कीमतों के खिलाफ दुनियाभर में प्रगति धीमी हुई है। इसका कारण हवाई यात्रा से लेकर रेस्तरां में भोजन करने जैसी सेवाओं की महंगाई है।
अमेरिकी कंपनी एप्पल और उसके सप्लायर्स ने अगले दो से तीन वर्षों में भारत में प्रतिवर्ष 5 करोड़ स्मार्टफोन बनाने का लक्ष्य रखा है। फॉक्सकॉन की ओर से भी भारत में मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
भारत के लिए 6.9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान इस साल जनवरी में संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान से अधिक है। चीन की 2024 में वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जिसका जनवरी में 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों की वृद्धि दर ऊंची होनी चाहिए। यदि ये राज्य 10 प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि करें, तो भारत 10 प्रतिशत से अधिक की दर से आगे बढ़ेगा।
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