शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। बताते चलें कि आरबीआई ने लगातार 9वीं बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है और इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है।
आरबीआई एक जल्द चेक क्लियरेंस के लिए एक नया सिस्टम बना रहा है। इस नए सिस्टम के तहत आपका चेक कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने ग्राहकों को चेक के फर्जी भुगतान से बचाने के लिए यह कदम उठाया। पीएनबी ने एक बयान में कहा कि यह फैसला पांच अप्रैल, 2023 से लागू होगा।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कानून के प्रावधान के तहत दायर शिकायतों पर आधारित दो याचिकाओं पर अपने 41 पन्नों के फैसले में यह टिप्पणी की।
हालात यह हैं कि इस आदेश को लागू करते समय यह भी नहीं सोचा गया कि पाकिस्तान में डिजिटल पेमेंट का इंफ्स्ट्रक्चर खस्ता हाल में है।
पॉजिटिव पे सिस्टम के जरिए चेक से 50 हजार रुपये से अधिक के भुगतान को सुरक्षित करने के लिए चेक जारी करने वाले को चेक के साथ साथ अलग से भी जानकारियां बैंक को देनी होगी। सिस्टम में जानकारी और चेक की जानकारी का मिलान होने पर ही भुगतान होगा
मूल्य के हिसाब से चेक द्वारा भुगतान 20.08 प्रतिशत रहा। 2015-16 में चेक के जरिये भुगतान का मात्रा के हिसाब से 15.81 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 46.08 प्रतिशत हिस्सा था।
आरबीआई ने बैंक धोखाधड़ी रोकने के लिये एक जनवरी 2021 से चेक के लिये ‘सकारात्मक भुगतान व्यवस्था’ शुरू करने का निर्णय किया है।
उच्चतम न्यायालय ने जिला अदालतों में चेक बाउंस के लंबित पड़े 35 लाख से अधिक मुकदमों के तेजी से निपटान के लिए एक 'ठोस' और 'समन्वित' प्रणाली विकसित करने का निर्णय किया है।
आरबीआई ने 2010 में इस सिस्टम को पेश किया था। वर्तमान में, कुछ प्रमुख शहरों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्राथमिक खातों (बेसिक सेविंग बैंक अकाउंट) के मामले में नियमों में कुछ छूट दी जिससे अब ऐसे खाताधारकों को चेक बुक और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
भविष्य में आपका दिया हुए चेक अगर बाउंस हो जाता है और आपके खिलाफ शिकायत होती है तो आपको अब परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सोमवार को इस मामले से जुड़े विधेयक निगोशिएबल इंश्ट्रूमेंट्स (अमेंडमेंट) बिल को लोकसभा में ध्वनि मत से पास कर दिया गया है। संसोधित विधेयक का मकसद चेक बाउंस से जुड़े मामलों में तुरंत कार्रवाई और मुआवजे को लेकर कानून बनाना है।
बैंकों के ATM से पैसे निकालने और चेकबुक जैसी सेवाओं पर किसी तरह का गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) नहीं लगता है, ग्राहकों के लिए इन सेवाओं को GST के दायरे से बाहर रखा गया है। हालांकि क्रेडिट कार्ड बिल के बकाया भुगतान पर लगा विलंब शुल्क तथा अनिवासी भारतीयों द्वारा बीमा की खरीद पर जीएसटी लगेगा।
चेक बुक जारी किया जाना तथा एटीएम से निकासी जैसी मुफ्त बैंकिंग सेवाएं जीएसटी के दायरे से बाहर रह सकती है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा।
अपने खातों में मिनिमम बैलेंस रखने वाले ग्राहकों को बैंक एक सीमा तक फ्री ATM ट्रांजेक्शन की सुविधा देते हैं और साथ में चेकबुक और डेबिट कार्ड भी फ्री में देते हैं।
चेक बाउंस को लेकर दिल्ली की एक अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। वॉलीवुड एक्टर राजपाल यादव का चेक बाउंस होने पर दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने उसे 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है और साथ में 1.6 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है
SBI ने कहा है कि 31 मार्च बाद सहायक बैंकों के पुराने चेक वैध नहीं होंगे। यानि 10 दिन बाद पुराने e-AB/BMB चेक के जरिए लेन-देन नहीं हो सकेगा
यह खबर उन 6 बैंकों के खाता धारकों के लिए महत्वपूर्ण है जिनका विलय भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में 2017 में हो चुका है। जिन लोगों के पास ऐसे बैंकों के चेकबुक हैं उन्हें 3 दिनों के भीतर बदलवा लेना चाहिए।
वित्तीय लेन-देन के माध्यम के रूप में चेक की विश्वसनीयता बढ़ाने और चेक-बाउंस मामलों से प्रभावित छोटी और मझोली इकाइयों की मदद के लिए सरकार ने मौजूदा नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट-1881 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन के लिए सरकार की चेक बुक सुविधा वापस लेने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
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