भारत में ट्राइफ्लॉक्सीस्ट्रोबिन का बाजार वर्तमान में 400 करोड़ रुपये के करीब होने का अनुमान है। इसका उपयोग अनाज, धान की फसलों, सब्जियों और फल जैसे टमाटर, अंगूर, आम, मिर्च एवं गेहूं में फंगल रोगजनकों को रोकने के लिए किया जाता है।
सरकार ने बुधवार को कहा कि भारतीय रसायन उद्योग में 2025 तक दस लाख करोड़ रुपये के करीब निवेश को आकर्षित करने की संभावनायें हैं।
विशाखापट्टनम हादसे में 11 लोगों की मौत हुई कई बीमारों का इलाज जारी
अगर डंपिंग की बात साबित होती है और यह पता चलता है कि इससे घरेलू कंपनियों को नुकसान हुआ है तो महानिदेशालय रसायन के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा।
भारत सरकार चीन से आयातित रसायन पर पांच साल के लिए 620 डॉलर प्रति टन तक डंपिंगरोधी शुल्क लगा सकती है। इस रसायन का इस्तेमाल फार्मा और उर्वरक उद्योग में होता है।
देश का निर्यात सितंबर में 25.67 प्रतिशत बढ़कर 28.61 अरब डॉलर रहा। रसायन, पेट्रोलियम और इंजीनियरिंग उत्पादों के कारण निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है।
चीन से होने वाले एक विशेष रसायन ओ-एसिड के आयात पर 8.79 डॉलर प्रति किलोग्राम की दर से डंपिंग रोधी शुल्क लग सकता है।
पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग और टेक्सटाइल क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात अप्रैल महीने में 19.77 फीसदी बढ़कर 24.63 अरब डॉलर रहा।
फरवरी में भारत का निर्यात 17.48 फीसदी बढ़कर 24.5 अरब डॉलर पहुंच गया। यह लगातार छठा महीना है जब निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
सरकार का लक्ष्य दवा माफिया का दबदबा समाप्त करने का है। रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने आज कहा कि मार्च तक 3,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य है
लेटेस्ट न्यूज़