कर विभाग ने साझा रिपोर्टिंग मानकों के तहत सूचनाओं का स्वत: आदान-प्रदान सहित प्रक्रियाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए वेब पोर्टल शुरू किया है।
टैक्स चोरों, बेनामी संपत्ति और कालाधन रखने वालों पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी हो चुकी है। आयकर विभाग द्वारा संशोधित दिशा-निर्देश आज (17 जून, सोमवार) से लागू होना है, उसके तहत कालाधन और बेनामी संपत्ति के गंभीर अपराध को 'नॉन-कंपाउंडेबल' की श्रेणी में रख दिया गया है।
11 मई 2017 के अपने नोटिफिकेशन में CBDT ने उन लोगों की श्रेणी के बारे में स्पष्ट बताया था जिनके लिए PAN को आधार से लिंक करना अनिवार्य नहीं है।
CBDT ने स्पष्ट किया है कि 1 जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करने और नया स्थायी खाता संख्या (PAN) हासिल करने के लिये आधार नंबर का उल्लेख करना जरूरी होगा।
नोटबंदी की अवधि के दौरान किसी तरह के लोन या क्रेडिट कार्ड के बिल के भुगतान के लिए दी गई 2 लाख रुपए या उससे अधिक नकद राशि को ITR फॉर्म में दिखाना होगा।
CBDT ने कहा है कि जो विदेशी 12 महीनों में 182 दिन या इससे अधिक दिनों से भारत में रह रहे हैं और यहां टैक्स चुका रहे हैं। अब उनके लिए आधार कार्ड जरूरी है।
CBDT ने IDS के तहत उन लोगों को किसी प्रकार की राहत देने से इनकार किया है जिन्होंने कर और जुर्माने की पहली किस्त निर्धारित समयसीमा में जमा नहीं की है।
इनकम टैक्स विभाग अब उन लोगों से आय के स्रोत का लेखा-जोखा ले सकता है, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में 2 लाख रुपए या इससे ज्यादा रकम जमा कराई थी।
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