केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अर्थव्यवस्था को खोलने की दिशा में कदम उठाने के साथ मई 2020 के बाद से हालात में सुधार हुआ
आर्थिक सुस्ती का असर सीमेंट उद्योग पर भी हुआ है और इस वर्ष अप्रैल से मांग में कमी की समस्याएं आ रही हैं, जिसके कारण अभी सीमेंट कंपनियां अपनी पूरी क्षमता से परिचालन नहीं कर पा रही हैं।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल 2018 से फरवरी 2019 के दौरान घरेलू सीमेंट उत्पादन में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो वृद्धि वित्त वर्ष 2018 में साल दर साल के आधार पर छह प्रतिशत थी।
सीमेंट इंडस्ट्री की ग्रोथ 6-7 फीसदी रहने की संभावना है। सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर काफी बल दिए जाने से मांग अच्छी बनी रहने की उम्मीद है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने एसीसी, अल्ट्राटेक, लाफार्ज और बिनानी सीमेंट समेत कुल 10 सीमेंट कंपनियों पर 6700 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
रेलवे द्वारा कोयला ढुलाई शुल्क में बढ़ोतरी से घरेलू सीमेंट उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा और इसे 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की चोट लग सकती है।
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