सीडीईएल एक रिसॉर्ट का स्वामित्व और संचालन करती है और परामर्श सेवाएं प्रदान करने के साथ कॉफी बीन्स के कारोबार में है। सीडीईएल ने प्रतिदेय गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के कूपन भुगतान में चूक की थी।
कंपनी ने कहा कि निर्यात कारोबार को भी कम मार्जिन और उच्च वर्किंग कैपिटल जरूरत के चलते अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है और 280 आउटलेट्स को स्थायी रूप से बंद कर दिया है।
कॉफी डे एंटरप्राइजेज ने कंपनी और उसकी अनुषंगी के बही खातों की जांच के लिए वैश्विक लेखा कंपनी ईवाई की नियुक्ति की है। इसके अलावा ईवाई उन परिस्थितियों की भी जांच करेगा जिसकी वजह से कॉफी डे एंटरप्राइजेज के दिवंगत संस्थापक वी जी सिद्धार्थ ने 27 जुलाई, 2019 का पत्र लिखा।
सिद्धार्थ ने सूचीबद्ध और चार गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में अपने शेयरों को गिरवी रखकर पूंजी जुटाने की कोशिश की ताकि वह व्यक्तिगत एवं कंपनी का कर्ज चुका सके।
पिछले तीन दिन में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1,723.16 करोड़ रुपए कम होकर 2,343.84 करोड़ रुपए पर आ गया है।
कंपनी परिचालन को सुचारू और ताजा घटनाक्रमों से अप्रभावित रखने के लिए कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने यह फैसला लिया है।
कंपनी के 240 शहरों में सभी 1750 रिटेल आउटलेट्स को हमारे संस्थापक-चेयरमैन सिद्धार्थ के सम्मान में बुधवार को बंद रखा जाएगा।
कंपनी बोर्ड ने शेयर बाजारों को दी जानकारी में कहा कि कंपनी का प्रबंधन पेशेवेर तरीके से किया जा रहा है और एक योग्य नेतृत्व इसकी अगुवाई कर रहा है।
दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा क्षेत्र में नेत्रावति नदी के पुल के ऊपर वह अपनी कार से उतर गए और ड्राइवर को आगे जाकर इंतजार करने के लिए कहा।
कैफे कॉफी डे यानि कि सीसीडी के मालिक सिद्धार्थ ने दो दिन पहले ही अपने कर्मचारियों को चिट्ठी लिखी थी। जिसमें उन्होंने बिजनेस मॉडल फेल होने की बात कही थी।
इनकम टैक्स विभाग ने गुरुवार को कैफे कॉफी डे (CCD) के परिसरों पर सर्च और सीजर की कार्रवाई की। कॉफी डे एंटरप्राइजेज, जो कैफे कॉफी डे चेन का परिचालन करती है।
कैफे कॉफी डे, इंडिगो और इंफीबीम जैसे बड़े ब्रांड के IPO (प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम) के साथ भारतीय आईपीओ बाजार इस साल बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
भारत की सबसे बड़ी कॉफी चैन कंपनी कैफे कॉफी डे (CCD) चलाने वाली कंपनी कॉफी डे एंटरप्राइजेज 14 अक्टूबर को भारतीय शेयर बाजार में अपना IPO लाने जा रही है।
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