केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा कि इस कठिन समय में करदाताओं को राहत देने के लिए तेजी से लंबित कर वापसी का निर्णय किया गया है।
अनुपालन सुनिश्चित करते हुए लॉकडाउन की अवधि के दौरान कारोबार सुगमता तथा परेशानी मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है।
करों और सीमा-शुल्क वापसी योजनाओं के तहत इकाइयों के 18,000 करोड़ रुपए के दावे लंबित हैं
सरकार ने देश में कोरोना वायरस के रोकथाम के लिये लॉकडाउन (बंद) के कारण माल की एक राज्य से दूसरे राज्य में ढुलाई में आ रही बाधाओं को देखते हुए ई-वे बिल की वैधता 30 अप्रैल तक के लिये बढ़ा दी है।
चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने के बाद वहां से माल की आवाजाही में तेजी लाने के लिए मई 2020 तक सभी बंदरगाहों और हवाईअड्डों पर ‘सातों दिन-24 घंटे’ सीमा शुल्क निकासी सुविधा उपलब्ध होगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को यहां केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एंव सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर लोगों की बुनियादी समस्याओं को समझे और हल करें और मुझे वापस रिपोर्ट करें।
सीबीआईसी ने देरी से जीएसटी दाखिल करने वालों व्यापारियों में बने भ्रम को दूर करते हुए स्पष्ट किया अब जीएसटी भुगतान में देरी पर ब्याज की गणना शुद्ध देनदारियों के आधार पर की जाएगी।
सीबीआईसी के सदस्य जॉन जोसफ ने कहा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रत्येक बिल पर ग्राहक को लॉटरी जीतने का मौका मिलेगा।
साथ ही अब तक दो माह लगातार 3बी रिटर्न फाइल न करने पर ई-वे बिल जनरेट न होने के निर्देश थे लेकिन अब इसे जीएसटीआर 1 के साथ भी जोड़ दिया गया है।
सीमा शुल्क विभाग ने कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिये ई-मेल समेत करदाताओं को भेजे जाने वाले सभी संदेशों में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से निकलने वाले दस्तावेज पहचान संख्या (डीआईएन) को दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है।
सीतारमण ने जीएसटी संग्रह में कमी के लिए प्राकृतिक आपदा के कारण जीएसटी फाइल करने में आई गिरावट को जिम्मेदार ठहराया है।
सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न नहीं भरने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। योजना बनाई जा रही है कि जो लगातार दो बार रिटर्न भरने से चूकेगा, उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ये दो फॉर्म दाखिल करने की अंतिम तारीख 30 नवंबर 2019 थी, जबकि 2018-19 के लिए ये दोनों फॉर्म 31 दिसंबर 2019 तक दाखिल करने थे।
भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों में संलिप्त अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के अभियान के चौथे चक्र में सरकार ने 15 और कर अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत कर दिया।
सोमवार को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 22 और वरिष्ठ अधिकारियों भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों के चलते जबरन रिटायर कर दिया। इन अधिकारियों पर जनहित में मौलिक नियम 56 (जे) के तहत रिटायर किया गया है। ये अधिकारी सुपरीटेंडेंट/एओ रैंक के हैं।
जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं। जीएसटी के तहत ज्यादातर सेवाओं पर 12 और 18 प्रतिशत का कर लगता है।
सीबीआईसी ने अपने सीमा शुल्क और जीएसटी अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे पहले से निर्धारित जोखिम मानकों के आधार पर जोखिम वाले निर्यातकों के इनपुट कर क्रेडिट का सत्यापन करें।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इन अधिकारियों में से कुछ के खिलाफ या तो सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए थे या कुछ पर रिश्वत, जबरन वसूली और आय से अधिक संपत्ति के मामले थे।
क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉयन को रखने, बेचने या खरीदने पर आपको 10 सालों की जेल की सजा हो सकती है।
जीएसटीआर-1 दाखिल करने की समयसीमा दो दिन बढ़ाकर 13 अप्रैल कर दी है। इसी तरह जीएसटीआर-7 भरने की समयसीमा 12 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।
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