जब आप अपनी कार में कोई सहायक उपकरण जोड़ते हैं, तो कंपनी को सूचित करना न भूलें अन्यथा आपके दावे खारिज कर दिए जाएंगे क्योंकि ये संशोधित हिस्से उस समय कवर नहीं किए गए थे जब आपने पॉलिसी खरीदी थी।
अगर आपकी कार बाढ़ में डैमेज हो जाए तो अपने इंश्योरेंस कंपनी को उनके कस्टमर हेल्प नंबर पर संपर्क करके या उनकी वेबसाइट पर जाकर डैमेज की जानकारी देनी चाहिए। फिर कंपनी डैमेज का आकलन कर आगे की प्रक्रिया को आगे बढ़ाती हैं।
कार इंश्योरेंस खरीदने से पहले अपनी जरूरत को समझ लेना काफी जरूरी है। आइए जानते हैं कि कार इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखें।
आपका कार इंश्योरेंस कुछ कंडीशन में रिजेक्ट हो सकता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप उन बातों को जान लें और पहले से सर्तक रहें। ऐसा कर आप बाद की परेशानी से बच सकते हैं।
Zero Dep Car Insurance: जीरो डेप कार इंश्योरेंस का फायदा यह है कि इसमें आपको अधिकतम कवरेज मिल जाता है और क्लेम के समय इंश्योरेंस कंपनियां डेप्रिसिएशन भी नहीं काटती है।
सभी कार ओनर के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) तो जरूरी है, लेकिन यह आपकी कार को कवर नहीं करता है।स्टैंडअलोन ओन-डैमेज पॉलिसी एक अलग कवर है जो आपकी गाड़ी को आग, दुर्घटना, चोरी या प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान से वित्तीय रूप से बचाता है।
Car Insurance Claim: अगर आप अपनी गाड़ी का इंश्योरेंस क्लेम जल्दी से जल्दी पाना चाहते हैं तो एक्सीडेंट के बाद इसकी सूचना सबसे पहले आपको इंश्योरेंस कंपनी को देनी चाहिए। साथ ही कुछ टिप्स को फॉलो करें जो हम इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं।
ज़ूनो जनरल इंश्योरेंस ने ज़ूनो ड्राइविंग कोशिएंट (Zuno Driving Quotient) पेश किया है, जो आपकी गाड़ी चलाने के तरीके को मापने का एक अनूठा तरीका है। कंपनी अच्छी ड्राइव करने वाले कस्टमर्स को अवॉर्ड देती है।
कौन सा इंश्योरेंस बाढ़ के चलते आपकी कार को हुए नुकसान को कवर करता है। क्या आपको इंश्योरेंस के साथ कुछ टॉपअप लेने होते हैं। आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।
Car Insurance Policy: अगर आप कार इंश्योरेंस खरीदने की सोच रहे हैं तो बाजार में कई तरह के इंश्योरेंस प्लान मौजूद हैं, लेकिन आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं।
भारत की जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री के क्षेत्र में 24 कंपनियां कार्यरत हैं। ये सभी कंपनियां कुल मिलाकर जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री में 84 फीसदी मार्केट की हिस्सेदारी रखती हैं।
Car Insurance Save Money Tips: कई बार ग्राहक जल्दबाजी के चक्कर में कार इंश्योरेंस बिना ठीक से पता किए खरीद लेते हैं, फिर बाद में जब इंश्योरेंस क्लेम करने की जरूरत पड़ती है तो उन्हें परेशानी होती है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखकर इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
हम कार खरीदने के बाद कार इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के बारे में जरूर सोचते हैं। ऐसे में कभी-कभी जल्दबाजी में गलती भी कर जाते हैं। वहीं आज हम आपको New Car Insurance से जुड़ी कई अहम बातें बताने जा रहे हैं।
आईआरडीए ने लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स के मोटर बीमा की शुरुआत की है। लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स पर अच्छी छूट मिल जाती है। हालांकि आप लॉन्ग टर्म इन्श्योरेन्स में बंध जाते हैं। इसके कई फायदे हैं और नुकसान भी है आइए जानते हैं।
बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि ग्राहक को कोई भी पॉलिसी खरीदने से पहले Online पॉलिसी की तुलना करनी चाहिए।
वाहन बीमा में टेलीमैटिक्स ‘ड्राइविंग’ से संबंधित आंकड़ों पर नजर रखने, गाड़ी चलाने के तरीके को समझने और प्रीमियम की दरों को तय करने में काम आते हैं।
पीठ ने पीड़ित के टैक्स रिकॉर्ड और पे स्लिप को ध्यान में रखते हुए मृतक की वार्षिक आय 12.3 लाख रुपये तय की और इंश्योरेंस कंपनी को 1.85 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
देश में अधिक सड़क हादसों के चलते कारों को बहुत नुकसान होता है। ऐसे नुकसान से बचने के लिए हमें अपने स्तर पर डैमेज कवर लेना चाहिए, इसे लेते समय इन 8 बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है:
कार चलाने के दौरान नियमों का पालन करने वालों को बोनस का भी प्रावधान
बीमा नियामक इरडा ने मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत मालिक-चालित वाहनों के लिए अनिवार्य व्यक्तिगत दुर्घटना (सीपीए) कवर को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है।
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