एसएंडपी ग्लोबल में क्रेडिट एनालिस्ट गीता चुग ने कहा कि हमारा विश्वास है कि पूंजी डालने से सरकारी बैंकों को उनके कमजोर कॉरपोरेट ऋण में आवश्यक कांट-छांट करने में मदद मिलेगी।
आम बजट 2019-20 में सरकारी बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी दिए जाने का प्रस्ताव उनकी ऋण देने की स्थिति मजबूत करेगा।
वित्त मंत्रालय सरकारी बैंकों के पूंजी आधार का मूल्यांकन कर रहा है और उन्हें नियम के तहत न्यूनतम पूंजी की शर्त को पूरा करने में मदद के लिए चालू वित्त वर्ष के आम बजट में 30,000 करोड़ रुपये उपलब्ध करा सकता है।
डिपॉजिटरी के पास मौजूद ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2-31 मई के दौरान शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 7,919.73 करोड़ रुपए का निवेश किया
आम चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शानदार जीत के बीच शेयर बाजारों में तेजी से सेंसेक्स की शीर्ष दस कंपनियों में सात का बाजार पूंजीकरण पिछले सप्ताह कुल मिलाकर 1.42 लाख करोड़ रुपए बढ़ा।
इन बैंकों को गुरुवार को अपने शेयरधारकों से सरकार को शेयरों के तरजीही आवंटन के जरिये पूंजी प्राप्त करने के प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई।
इस उद्यमी ने अपने सहयोगियों, पर्सनल स्टाफ और नजदीकी रिश्तेदारों को 20 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर दिवाली उपहार के रूप में दिए हैं।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने देश के पूंजी बाजारों में अगस्त में 5,100 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले आठ कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजार में 8,500 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई में भारतीय पूंजी बाजार में 2,300 करोड़ रुपए डाले। इससे पिछले तीन महीनों के दौरान उन्होंने भारतीय पूंजी बाजारों से निकासी की थी।
सरकार की ओर से अतिरिक्त पूंजी मिलने और फंसे कर्जों के मोर्चे पर सुधार से देश की बैंकिंग प्रणाली प्रणाली कुछ सालों में मजबूत हो जायेगी। वैश्विक रेटिंग एजेंसी एस एंड पी (S&P) ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है।
वित्त मंत्रालय ने आज पीएनबी, कॉरपोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक सहित 5 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 11,336 करोड़ रुपए की पूंजी निवेश को मंजूरी दे दी है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजारों में 3,000 करोड़ रुपए का निवेश किया। इससे पहले अप्रैल-जून के दौरान उन्होंने पूंजी बाजारों से भारी निकासी की थी। ताजा निवेश से पहले पिछले तीन माह के दौरान एफपीआई ने पूंजी बाजारों से 61,000 करोड़ रुपए से अधिक निकाले हैं।
भारतीय रियल एस्टेट में वर्ष 2017 में 2.6 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया। नाईट फ्रैंक की एक रिपोर्ट में सोमवार को यह जानकारी दी गई। नाईट फ्रैंक के भारत के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल के अनुसार, 2017 में साल-दर-साल आधार पर इस क्षेत्र में विदेशी पूंजी प्रवाह में 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों से 5,500 करोड़ रुपए की निकासी की है। वैश्विक व्यापार युद्ध को लेकर चिंता तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख के संकेतों से विदेशी निवेशक निकासी कर रहे हैं।
वित्त वर्ष 2017-18 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों को हुए घाटे से सरकार का इन बैंकों में किया गया करीब 13 अरब डॉलर का पूंजी निवेश एक तरह से बेकार हो गया और चालू वित्त वर्ष में भी इस स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है।
विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार से इस महीने अब तक चार अरब डॉलर (26,700 करोड़ रुपए से अधिक) की भारी निकासी की है। इसका मुख्य कारण कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी है। इससे पहले विदेशी निवेशकों ने अप्रैल महीने में घरेलू पूंजी बाजार (इक्विटी और डेट) से 15,500 करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की थी।
सरकारी बांड से कमाई बढ़ने और कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी आने से विदेशी निवेशकों ने घरेलू पूंजी बाजार से अप्रैल महीने के दौरान 15,500 करोड़ रुपए की निकासी की। यह पिछले 165 महीनों की सर्वाधिक निकासी है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने घरेलू शेयर और बॉन्ड बाजार से अब तक करीब 8,000 करोड़ रुपए की निकासी की है। इससे पहले मार्च में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में 11,654 करोड़ रुपए निवेश किए थे जबकि ऋणपत्र बाजार से नौ हजार करोड़ रुपए की निकासी की थी।
सार्वजनिक क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक बैंकों को इस महीने समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में सरकार से 46,101 करोड़ रुपए की इक्विटी पूंजी मिलेगी। इन बैंकों में एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक, यूनियन बैंक तथा ओबीसी शामिल हैं।
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