सरकार ने अगस्त में नया कर कानून लागू किया था जिसमें विदेशी मूल वाली कंपनियों पर पिछली तारीख से कर लगाने के प्रावधान को हटा दिया गया
केयर्न ने कहा कि वह भारत सरकार से प्राप्त 7,900 करोड़ रुपये या 1.06 अरब डॉलर में से 70 करोड़ डॉलर शेयरधारकों को विशेष लाभांश या पुनर्खरीद के जरिये वापस लौटाएगी।
सरकार ने 13 अगस्त को डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया की अमेरिकी जिला अदालत में एक 'मोशन टू डिसमिस' याचिका दायर की है।
एक मध्यस्थता अदालत ने दिसंबर में भारत सरकार को आदेश दिया था कि वह केयर्न एनर्जी को 1.2 अरब डॉलर से अधिक का ब्याज और जुर्माना चुकाए।
भारत सरकार के साथ ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी के विवाद में एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत का निर्णय केयर्न के पक्ष में गया है। जिसने सरकार को 1.2 अरब डॉलर की राशि चुकाने का आदेश दिया है।
न्यायाधिकरण ने केयर्न एनर्जी से भारत की 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग को खारिज कर दिया था और सरकार को बेचे गये शेयर का मूल्य, जब्त लाभांश और रोके गये कर ‘रिफंड’ वापस करने का आदेश दिया है।
केयर्न एनर्जी के सूचीबद्ध होने से पहले 2006-07 में भारतीय कारोबार के पुनर्गठन से कंपनी को हुए कथित पूंजीगत लाभ पर करों के रूप में कर विभाग ने 10,247 करोड़ रुपये मांगे थे, और इसके तुरंत बाद विभाग ने केयर्न इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी जब्त कर ली।
सरकार ने कंपनियों पर पिछली तारीख से कर लगाने की व्यवस्था के तहत केयर्न से कर मांग की थी। हालांकि, कंपनी अब उक्त कर मांग के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय पंचाट में जीत हासिल कर चुकी है। पंचाट ने सरकार को केयर्न के बेचे शेयरों का मूल्य, जब्त किये गये लाभांश और रोके गये कर रिटर्न को लौटाने के लिये कहा है।
न्यायाधिकरण ने भारत सरकार से यह भी कहा कि वह केयर्न को लाभांश, कर वापसी पर रोक और बकाया वसूली के लिए शेयरों की आंशिक बिक्री से ली गई राशि ब्याज सहित लौटाए।
केयर्न इंडिया ने 2015 में पिछली तारीख से कर की मांग को अंतरराष्ट्रीय पंचाट में चुनौती दी थी।
आयकर विभाग ने 10,247 करोड़ रुपए के रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स डिमांड को वसूलने के लिए खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड में ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी के कुछ और शेयर बेचे हैं। ब्रिटेन की कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
भारत सरकार द्वारा पीछे की तिथि से 10,247 करोड़ रुपए की कर मांग के खिलाफ केयर्न एनर्जी की याचिका पर हेग में अंतिम सुनवाई अगस्त में शुरू होगी।
प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन की बीपी, रूस की रोसनेफ्ट, सदी आर्मको और ओएनजीसी, आईओसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी तेल कंपनियों के सीईओ के साथ आज बैठक की।
आयकर विभाग ने ब्रिटेन की तेल कंपनी केयर्न एनर्जी के खिलाफ 10,247 करोड़ रुपये के बकाया कर की वसूली के लिए सख्त कार्रवाई शुरू की है।
अंतरराष्ट्रीय पंच-निर्णय समिति ने ब्रिटेन की तेल कंपनी Cairn Energy पीएलसी द्वारा शुरू की गई मध्यस्थता की प्रक्रिया पर स्थगन से इनकार किया है।
आयकर विभाग ने केयर्न एनर्जी के खिलाफ एक नया नोटिस जारी कर 30,700 करोड़ रुपए का जुर्माना मांगा है। कर का समय पर भुगतान नहीं करने पर मांगा गया है।
ITAT द्वारा केयर्न एनर्जी पर पिछली तारीख से लगाए कर को बरकरार रखने के कुछ सप्ताह बाद IT विभाग ने कंपनी को 10,247 करोड़ का टैक्स चुकाने का नोटिस भेजा है।
सरकार की महत्वकांक्षी टैक्स विवाद समाधान योजना को लेकर कंपनियों का रूख एक तरह से ठंडा रहा। इसके तहत केवल 1,200 करोड़ रुपए की वसूली हो सकी है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 24 मार्च को जारी सर्कुलर में विभिन्न परिदृश्यों में विवादित टैक्स मांग मामलों में ब्याज समाप्त करने की घोषणा की है।
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