न्यायाधिकरण ने केयर्न एनर्जी से भारत की 10,247 करोड़ रुपये की कर मांग को खारिज कर दिया था और सरकार को बेचे गये शेयर का मूल्य, जब्त लाभांश और रोके गये कर ‘रिफंड’ वापस करने का आदेश दिया है।
व्यापारियों के संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ऑनलाइन चल रहे दवाओं के गैर-कानूनी बाजार पर रोक लगाने की मांग की है।
कैट का आरोप है कि विदेशी कंपनियां देश के कानून का सम्मान करने के बजाए प्रेस नोट संख्या 2 के प्रत्येक नियमों को जानबूझकर ताक पर रख रही हैं। कैट ने सरकार को इस दिशा में कदम उठाने को कहा है।
कैट ने दोहराया कि जिस तरह से अमेजन और फ्लिपकार्ट द्वारा एफडीआई नीति और फेमा के खुलेआम उल्लंघनों का सिलसिला जारी है, उससे यह आभास मिलता है कि ऐसा करने के लिए इन कंपनियों को सरकार से प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) प्राप्त है।
देश भर में पेट्रोल डीजल की महंगाई और वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी के प्रावधानों का विरोध कर रहे कारोबारियों ने शुक्रवार को ‘भारत बंद’ (Bharat Bandh) का आयोजन किया है।
AITWA और CAIT जीएसटी को सरल बनाने और नए ई-वे बिल को पूरी तरह से खत्म करने या इसके कुछ नियमों में संशोधन की मांग को लेकर शुक्रवार को भारत बंद कर रहे हैं।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन को 'वैश्विक अपराधी' करार देते हुए सरकार से भारत में इसका परिचालन तुरंत प्रतिबंधित करने की मांग की है और कहा है कि उसकी कुप्रथाओं पर समयबद्ध जांच के आदेश देने चाहिए।
कैट के मुताबिक भारत बंद के आह्वान को ‘ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यूए) का भी समर्थन मिल रहा है, और एसोसिएशन 26 फरवरी को चक्का जाम करेगी।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को कहा कि वह जल्द ही देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली पर एक श्वेत पत्र जारी करेगा। कर व्यवस्था की कथित 'मनमानी' को लेकर व्यापारियों में पिछले कुछ समय से चिंता बढ़ रही है।
केयर्न एनर्जी के सूचीबद्ध होने से पहले 2006-07 में भारतीय कारोबार के पुनर्गठन से कंपनी को हुए कथित पूंजीगत लाभ पर करों के रूप में कर विभाग ने 10,247 करोड़ रुपये मांगे थे, और इसके तुरंत बाद विभाग ने केयर्न इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी जब्त कर ली।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAITIndia) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी/GST) में आने वाली जटिलताओं को लेकर आगामी 26 फरवरी (शुक्रवार) को 'भारत व्यापार बंद' (Bharat Band) की घोषणा की है।
सरकार ने कंपनियों पर पिछली तारीख से कर लगाने की व्यवस्था के तहत केयर्न से कर मांग की थी। हालांकि, कंपनी अब उक्त कर मांग के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय पंचाट में जीत हासिल कर चुकी है। पंचाट ने सरकार को केयर्न के बेचे शेयरों का मूल्य, जब्त किये गये लाभांश और रोके गये कर रिटर्न को लौटाने के लिये कहा है।
लीगल मैट्रोलोजी कानून, 2011 के नियम 10 में यह प्रावधान है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने पोर्टल पर बिकने वाले प्रत्येक उत्पाद पर निर्माता का नाम और पता, मूल देश का नाम, वस्तु का नाम, शुद्ध मात्रा, किस तिथि से पहले उपयोग (यदि लागू हो), अधिकतम खुदरा मूल्य, वस्तु का साइज आदि लिखना अनिवार्य है।
कैट ने कहा है कि आगामी 8 से 10 फरवरी तक नागपुर में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में आंदोलन के भविष्य का रूप तय किया जाएगा। देश भर के लगभग 200 प्रमुख व्यापारी नेता सम्मेलन में भाग लेंगे।
कैट ने कहा कि भारत में फेसबुक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं और फेसबुक को हर उपयोगकर्ता के डेटा तक पहुंचने में सक्षम करने से न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि देश की सुरक्षा के लिये गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।
न्यायाधिकरण ने भारत सरकार से यह भी कहा कि वह केयर्न को लाभांश, कर वापसी पर रोक और बकाया वसूली के लिए शेयरों की आंशिक बिक्री से ली गई राशि ब्याज सहित लौटाए।
कैट ने सुप्रीम कोर्ट से भी अनुरोध किया है कि व्यापारियों एवं अन्य लोगों की परेशानियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच इस मामले की तुरंत सुनवाई की तारीख निश्चित करे।
कैट ने प्रवर्तन निदेशालय से मांग की है कि अमेजन पर फेमा कानून, नियम और विनियमों का उल्लंघन करने के कारण अवैध रूप से निवेश किए गए 48,500 करोड़ रुपये के निवेश पर तीन गुना यानी 1.44 लाख करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए।
संगठन के मुताबिक देशभर के व्यापारी केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ई-कॉमर्स व्यापार को अपनाने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा एफडीआई नीति और अन्य कानूनों व नियमों का बार-बार उल्लंघन 'डिजिटल कॉमर्स' को अपनाने में एक प्रमुख अवरोधक साबित हो रहा है।
कैट ने कहा है कि अमेजन जैसी बड़ी वैश्विक ई-कॉमर्स कंपनी के लिए 25 हजार रुपये का जुमार्ना काफी मामूली रकम है। अगर जुमार्ने की राशि या सजा का प्रावधान सख्त होगा तो ये कंपनियां नियमों का उल्लंघन करने से पहले कई बार सोचेंगी।
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