एडटेक कंपनी ने कहा कि कोई फंड नहीं निकाला गया है। लगभग 53.3 करोड़ डॉलर वर्तमान में कंपनी की 100 प्रतिशत गैर-अमेरिकी सहायक कंपनी में हैं।
रवींद्रन ने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए खेद है कि हम अभी भी आपका वेतन भुगतान करने में असमर्थ हैं। पत्र में रवींद्रन ने कहा कि कंपनी अभी भी यह कोशिश कर रही है कि वेतन भुगतान 10 मार्च तक कर दिया जाए।
निवेशकों ने दलील दी कि राइट्स इश्यू सिर्फ तभी लाया जा सकता है जब कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी बढ़ाई जाए और मौजूदा शेयरधारक आवेदन कर नए शेयर हासिल करें। कंपनी के कुछ निवेशकों ने मौजूदा प्रबंधन को जिम्मेदार बताया है।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अंतरिम राहत दी थी जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि बैठक के दौरान लिए गए किसी भी निर्णय को समाधान होने तक प्रभावी नहीं किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि याचिका में हाल ही में समाप्त हुए 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर के राइट्स इश्यू को अमान्य घोषित करने और यह निर्देश देने की मांग की गई है कि कंपनी को कोई भी कॉर्पोरेट कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जो निवेशकों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी।
बायजू की मूल शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रवींद्रन बायजू के साथ-साथ निदेशक मंडल के सदस्य भी कंपनी के चुनिंदा निवेशकों द्वारा बुलाई गई असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में शामिल नहीं होंगे।
एडटेक फर्म, जिसका मूल्य एक समय 20 अरब डॉलर से अधिक था और जो भारत के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की सबसे प्रमुख कंपनी थी, को पिछले साल बड़े पैमाने पर घाटा हुआ और मूल्यांकन में लगभग 90 प्रतिशत की गिरावट आई है।
रवीन्द्रन ने वैल्यूएशन पर उठ रहे सवालों को खारिज करते हुए कहा कि राइट्स इश्यू से पहले और बाद में कंपनी का स्वामित्व नहीं बदलता है। लिहाजा मूल्यांकन का सवाल ही अप्रासंगिक है क्योंकि मूल्य संरक्षण कायम रखा गया है।
असाधारण आम बैठक (EGM) के लिए दिये गए नोटिस में थिंक एंड लर्न के मौजूदा बोर्ड को बाहर करने की अपील की गई है। थिंक एंड लर्न बायजू ब्रांड नाम के तहत संचालन करती है।
एक सूत्र ने बताया कि अभी तक बायजू को राइट्स इश्यू से करीब 30 करोड़ डॉलर की कुल प्रतिबद्धता कमिटमेंट मिली है। कुछ निवेशकों ने राइट्स इश्यू का आकार बढ़ाने का भी सुझाव दिया है, लेकिन कंपनी के लिए प्राथमिकता मौजूदा इश्यू को सफलतापूर्वक बंद करना है।
कर्मचारियों को लिखे एक अलग पत्र में, कंपनी ने कुछ निवेशकों पर संकट के इस समय में कंपनी के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया। कंपनी ने अपने नेतृत्व को हटाने के लिए अभियान शुरू करने के एक दिन बाद निवेशकों पर पलटवार किया।
वेतन में देरी की खबर ऐसे समय में सामने आ रही है, जब अमेरिका में बायजू की अल्फा यूनिट ने डेलावेयर की अमेरिकी कोर्ट में चैप्टर 11 दिवालियापन कार्यवाही के लिए दायर किया, जिसमें 1 बिलियन डॉलर से 10 बिलियन डॉलर की देनदारियों को सूचीबद्ध किया गया है।
सूत्र ने बताया कि नोटिस को जनरल अटलांटिक, पीक-15, सोफिना, चैन जुकरबर्ग, आउल और सैंड्स द्वारा समर्थित किया गया है। बायजू में इनकी संयुक्त रूप से लगभग 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
बायजू ब्रांड के तहत परिचालन करने शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी थिंक एंड लर्न ने मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में उसका परिचालन घाटा बढ़कर 6,679 करोड़ रुपये हो गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बायजू को कर्मचारियों और वेंडरों का बकाया चुकाने के लिए कम से कम 500-600 करोड़ रुपये की जरूरत है। आपको बता दें कि कोरोना महामारी के समय बायजू ने तेजी से पंख फैलाए। उसे देश की सबसे मूल्यवान स्टार्टअप का तमगा भी मिला लेकिन यह कायम नहीं रह सका।
थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और उसके सह-संस्थापक रवींद्रन को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत 9,362.35 करोड़ रुपये के उल्लंघन के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
मीडिया में चल रही खबर जिसमें ईडी ने 9,000 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए बायजू को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, से साफ इनकार किया है।
करीब एक हजार लोग पहले ही ‘नोटिस पीरियड’ पर काम कर रहे हैं और अन्य एक हजार ने अपने प्रदर्शन सुधार मापदंडों को पूरा नहीं किया है। आकलन अब भी किया जा रहा है। इस पूरी कवायद से 3,000-3,500 कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं।
Byju's Investors: लंबे समय से पेंडिंग पड़े ऑडिट रिपोर्ट को लेकर अभी भी कंपनी में हल्ला मचा हुआ है। हालांकि अब कंपनी के सीईओ ने निवेशकों को एक टाइमलाइन दे दी है।
अब बायजू के निदेशक मंडल में मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं संस्थापक बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजू रवींद्रन ही बचे रहे गए हैं।
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