Budget 2023: एक फरवरी को अनाउंस हुए बजट में कई चीजों पर बात की गई। उसमें स्क्रैपिंग पॉलिसी भी एक खास मुद्दा था। इसपर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि वाहन स्क्रैपिंग नीति को आगे बढ़ाने में, केंद्र सरकार के पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित की है।
अक्टूबर में कंपनी ने कहा कि उसने अपने कुल कर्मचारियों का 5 प्रतिशत यानि कि 50,000 मजबूत वर्क फोर्स में से 2,500 कर्मचारियों की छंटनी कर दी थी।
Leave Encashment: यह बजट मिडिल क्लास वालों के लिए एक अमृत बजट है। सरकार ने 7 लाख तक की कमाई को टैक्स फ्री कर दिया है, जिसकी मांग काफी समय से थी। एक काम और बजट में हुआ है, जिसके बारे में पढ़े लिखे लोग ही जानते हैं। उसका फायदा सभी प्राइवेट कर्मचारियों को मिलेगा।
Adani Group Losses: अडानी ग्रुप की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है। पिछले एक हफ्ते में उनकी कंपनी को 100 बिलियन डॉलर का नुकसान हो चुका है। बता दें, गौतम अडानी भी दुनिया भर के अमीरों की लिस्ट में टॉप-10 से बाहर हो गए हैं।
अडानी ग्रुप के एफपीओ वापस लेने के निर्णय का असर शेयर बाजार पर देखने को मिल रहा है। आज सुबह मार्केट की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई है। यहां समझिए, कंपनी ने ये निर्णय क्यों लिया है? एक्सपर्ट क्या कहते हैं? इसके पीछे का आंकड़ा क्या है?
आज मार्केट खुलने से पहले ही एक बड़ी खबर आई है। अडानी ग्रुप ने अपना FPO कैंसिल कर दिया है। अब अडानी ग्रुप निवेशकों के पैसे वापस करेगा। अब इसका असर शेयर बाजार पर भी देखा जा रहा है।
आम बजट- 2023 की सभी तैयारियां लगभग- लगभग पूरी हो चुकी हैं, वहीं इसे 1 फरवरी, 2023 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाना है। दूसरी ओर मोदी सरकार लोकसभा चुनाव- 2024 पहले अपना अंतिम पूर्ण बजट पेश करने जा रही है।
Feb Month Changes: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। इस बजट में कई अहम घोषणाएं होने की उम्मीद है।
देश का आम बजट जल्द ही हम सबके बीच होगा। विभिन्न सेक्टर को बजट-2023 से बहुत आस है। वहीं लाइफस्टाइल और वेलनेस उद्योग भी सरकार से ध्यान की उम्मीद लगाये बैठा है, जहां वह बड़ी घोषणाओं का इंतजार बजट- 2023 में करेगा।
रेलवे ने अब अहम बदलाव करने का फैसला किया है, जहां वह मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बेहतरी से बढ़ावा देगा। वहीं इसके लिये रेलवे ने बजट के पूर्व मीटिंग में कई प्रस्ताव रखे हैं।
देश का आम बजट- 2023 जल्द ही हम सबके बीच आने वाला है, वहीं बजट में कभी-कभी हमें ऐसी टर्म पढ़ने या सुनने को मिल जाती है जो हमारे समझ से परे होती है। इसलिए आज हम आपको बजट से जुड़े टर्म डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
देश का आम बजट जल्द ही आने वाला है, जहां लोग अलग अलग जगहों पर टैक्स में वित्तमंत्री द्वारा राहत चाहते हैं। वहीं बात अगर निवेशकों की करें तो वह Capital Gain Tax में बदलाव की उम्मीद बजट- 2023 में कर रहे हैं।
आम बजट- 2023 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को आम बजट को संसद में पेश करेंगी। दूसरी ओर लोकसभा चुनाव- 2024 से पहले मोदी सरकार अपना आखिरी पूर्ण बजट पेश करेगी।
बजट को आने में कुछ ही दिन शेष हैं, वहीं बजट में हमें कई ऐसी टर्म्स मिलती हैं, जिनके बारे में हम समझ नहीं पाते हैं। वहीं आज हम आपको बजट से जुड़े अलाउंस और रीइंबर्समेंट्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
आम बजट पहले लाल रंग के ब्रीफकेस में लाया जाता था। यह परंपरा अंग्रेजों ने शुरू की थी। मोदी सरकार ने इस परंपरा को तोड़ा और वित्त मंत्री एक लाल रंग के कपड़े में लिपटे बही खाते या टैबलेट में बजट लेकर आने लगे।
देश का आम बजट कुछ ही घंटों में हम सबके बीच आने वाला है, वहीं आम आदमी से लेकर खास तक बजट की ओर बड़ी उम्मीदों से देख रहा है। बता दें कि 1 फरवरी, 2023 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इसे लोकसभा में पेश करने वाली है।
भारत सरकार के प्रोत्साहन के बाद पुरानी ऑटोमोबाइल कंपनी के साथ-साथ कई नए स्टार्टअप भी इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरर बनकर उभरे हैं। क्या आप भी इस साल, 2023 में इलेक्ट्रिक कार लेने का प्लान बना रहे हैं तो आइए जानते हैं कि बजट 2023 में आपके लिए क्या-क्या टैक्स बेनिफिट मिलने की संभावना है।
1 फरवरी को बजट पेश होने से पहले सरकारी कर्मचारी DA में बढ़ोतरी का अनुमान लगा रहे हैं। 7वें पे कमिशन लागू होने के बाद लोगों की सैलरी बढ़ी थी। फिटमेंट फैक्टर में लगभग 3.7 फीसदी तक बढ़ोतरी होने का अनुमान है। इससे बेसिक सैलेरी 18000 से बढ़कर 26000 रुपये तक हो सकती है।
राज्य में बिजली का अत्यधिक उपयोग हुआ है, जिसका दैनिक औसत उपयोग 1,900 मेगावाट से 2,200 मेगावाट प्रतिदिन हो गया है और जल्द ही 3,200 मेगावाट तक बढ़ने की संभावना है।
इस बार का बजट कई मायनों में ख़ास होने वाला है। सरकार का ध्यान हेल्थ पर अधिक रहेगा, क्योंकि अभी भी कोरोनावायरस के अलग-अलग वेरिएंट मिलते रहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि पिछला 5 साल हेल्थ बजट के लिहाज़ से कैसा रहा है?
लेटेस्ट न्यूज़