सूची में सबसे अधिक कंपनियां (46) वित्तीय सेवा क्षेत्र की हैं, जिसके बाद खुदरा क्षेत्र (30) और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र (26) का स्थान है। इस सूची में बीस महिला उद्यमियों को शामिल किया गया है, जिनमें नाइका की फाल्गुनी नायर अग्रणी है।
बिजनेस शुरू करने के लिए 50,000 रुपये की छोटी पूंजी भी आपके आइडिया को हिट बना सकती है। इतनी रकम से कारोबार शुरू करने के कई ऑप्शन हैं, आपको बस अपनी रुचि और मार्केट की जरूरत को समझना आना चाहिए।
पैकिंग का बिजनेस आप अपने घर के एक कमरे से शुरू कर सकते हैं। इसके लिए कोई खास लागत भी नहीं चाहिए। बस आपको ये थोड़े बहुत काम करने होंगे फिर आपका बिजनेस चल पड़ेगा। इस काम के जरिए आप अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं।
एक ही लागत में 2 बिजनेस शुरू करने के लिए निवेश करें। इसके लिए ज्यादा जगह और पूंजी की भी जरूरत नहीं पड़ती है। पैसे कम होने पर सरकार से लोन की सुविधा भी मिलती है।
Company Funding: किसी भी कंपनी को फंड जुटाने के लिए कई बातों को ध्यान रखना जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि एंकर निवेशक क्या होते हैं।
India America News: भारत में हेल्थकेयर पर जीडीपी का एक फीसदी खर्च होता है, जबकि बांग्लादेश हमसे ज्यादा खर्च करता है। मैकिन्से की एक रिपोर्ट कई बातों का खुलासा करती है।
India Economy: बीते वित्त वर्ष (2022-23) के दौरान भारत का माल एवं सेवा का कुल निर्यात (Export) 755 अरब डॉलर रहने का अनुमान है। यह पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 की तुलना में संभवत: 11.6 प्रतिशत अधिक होगा।
इस कंपनी ने एक नई पॉलिसी बनाई है, जिसके तहत छुट्टी वाले दिन कर्मचारी को कॉल करने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा। ये खबर सोशल मीडिया पर खुब वायरल हो रही है।
मुंबई में रहना हर किसी के बस की बात नहीं। अब यह बात आम आदमी तो छोड़िए बड़ी-बड़ी कंपनियों के संस्थापक ने भी मानी है। एक समय था जब मुंबई कारोबारियों की पसंदीदा जगह थी और हर कोई अपने बिजनेस के लिए मुंबई आना चाहता था।
कारोबारी संगठन के मुताबिक प्रतिबंधों में ढील के बाद से सिर्फ 5फीसदी कारोबार ही शुरू हो सका है।
सर्वे में शामिल 33% कंपनियों की राय है कि पूरे साल में उनकी आमदनी 40% घट सकती है
सर्वेक्षण में चुनाव बाद आर्थिक हालात बेहतर होने का अनुमान जताया गया है, जिससे सेवा क्षेत्र का परिदृश्य सकारात्मक नजर आता है और यह रोजगार को भी बढ़ावा देने में मदद करेगा।
लंबे समय से निष्क्रिय लगभग 13,000 कंपनियां सरकार की नजर में आई हैं। ये कंपनियां लंबे समय से किसी कारोबारी गतिविधि में संलग्न नहीं हैं।
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