रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने मई, 2022 में नीतिगत दर बढ़ाना शुरू किया था और इस साल फरवरी में यह 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। इसके बाद से लगातार पिछली तीन द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठकों में नीतिगत दर को स्थिर रखा गया।
ईंधन के दाम का शाकाहारी और मांसाहारी थालियों की कुल लागत में क्रमशः 14 प्रतिशत और आठ प्रतिशत योगदान रहता है। इसमें सितंबर में क्रमिक रूप से 18 प्रतिशत की गिरावट आई, क्योंकि 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत 1,103 रुपये से घटकर 903 रुपये हो गई।
कारोबार खत्म होने पर सेंसेक्स 405.53 अंक चढ़कर 65,631.57अंक पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 108.20 अंक की तेजी के साथ 19,544.30 अंक पर पहुंच गया। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 25 शेयरों में तेजी रही। सबसे अधिक उछाल एलएंडटी के शेयरों में रही।
किसी को भी पैसों की जरूरत कभी भी पड़ सकती है। ऐसे समय में किसी व्यक्ति के पास बैंक से कर्ज लेने का विकल्प सबसे आसान लगता है। बैंक पर्सनल लोन के जरिये तुरंत पैसे देते हैं। अगर आप पर्सनल लोन की योजना बना रहे हैं तो कुछ बातों का जरूर ख्याल रखें।
सर्विस सेक्टर की करीब 400 कंपनियों ने इस सर्वे में भाग लिया। कंपनियों की ओर से दिए गए नए आंकड़ों के अनुसार भारतीय सेवा प्रदाताओं के साथ नए कारोबार में पर्याप्त वृद्धि हुई है, जो जून 2010 के बाद से दूसरी सबसे तेज वृद्धि है। नवीनतम पीएमआई परिणाम भारत की सेवा अर्थव्यवस्था के लिए और अधिक सकारात्मक खबरें लेकर आई हैं।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने लाचार ग्राहकों को बड़ी सहूलियत देने जा रहा है। बैंक कई अहम सेवाएं उनके घर पर उपलब्ध कराएगा। खुद एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने यह जानकारी दी है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हल्दी बोर्ड देश में हल्दी और संबंधित उत्पादों के विकास एवं वृद्धि पर ध्यान देगा। यह बोर्ड अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने, मूल्य संवर्धन से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिये हल्दी उत्पादकों के क्षमता निर्माण और कौशल विकास में मदद करेगा।
आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाने के बाद अधिकांश बैंक एफडी पर 7 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक का ब्याज दे रहे हैं। इसके चलते इन दिनों बहुत सारे लोग एफडी में निवेश कर रहे हैं। अगर आप भी एफडी में निवेश कराने जा रहे हैं तो पहले रिसर्च कर ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।
हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इससे पेट्रोलियम कंपनियों पर दबाब बढ़ा है। इसकी भरपाई के लिए ईंधन के दाम में वृद्धि की जा रही है। अगर कच्चे तेल के दाम और बढ़े तो तमाम कंपनियां रेट बढ़ा सकती है।
बीएसई सेंसेक्स 286.06 अंक टूटकर 65,226.04 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल 30 में से 21 शेयरों में गिरावट और सिर्फ 9 में तेजी रही। वहीं, निफ्टी 92.65 अंक लुढ़ककर 19,436.10 पर बंद हुआ। आज के कारोबार में बैंकिंग और वाहन कंपनियों के स्टॉक्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली। दिनभर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, छह महीने तक शुद्ध खरीदार बने रहने के बाद सितंबर में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 2.3 अरब डॉलर की शुद्ध बिकवाली की। पिछले पांच आम चुनावों (1999-2019) के दौरान, चुनाव परिणामों की घोषणा से छह महीने पहले निफ्टी-50 में 10- 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।
कोरोना महामारी के बाद घरों की रिकॉर्ड बिक्री का सिलसिला जारी है। इसके चलते पुराने सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं। त्योहारी सीजन में बिक्री और बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में नया रिकॉर्ड बन सकता है।
वर्ल्ड फाइनेंशियल प्लानिंग डे के अवसर पर हम आपको बता रहें कि फाइनेंशियल प्लानिंग में किन गलतियों से बचना चाहिए। अगर आप सही तरीके से अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग करेंगे तो आसानी से वित्तीय लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब इन तीनों शीर्ष अधिकारियों ने ट्विटर छोड़ा तो उनके पास करीब 90-100 मिलियन डॉलर का एग्जिट पैकेज था। पराग अग्रवाल को लगभग 40 मिलियन डॉलर का सबसे बड़ा भुगतान मिला, जिसका मुख्य कारण ट्विटर में उनके शेयर थे, जो नौकरी से निकाले जाने के बाद मिलने थे।
रूस और यूक्रेन के बाद दुनिया में मंदी का छाया है। कई देशों में महंगाई चरम पर है। इसके चलते कंपनियों की कमाई प्रभावित हुई है। देशभर की करीब 6,500 कंपनियों की रेटिंग करने वाली क्रिसिल रेटिंग्स ने यह अनुमान कंपनियों के कर्ज अनुपात यानी उनकी रेटिंग में सुधार (अपग्रेड) एवं गिरावट (डाउनग्रेड) को ध्यान में रखते हुए लगाया है।
बीएसई सेंसेक्स 316.31 अंक टूटकर 65,512.10 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई निफ्टी भी 116.15 अंक लुढ़ककर 19,522.15 अंक पर बंद हुआ। ग्लोबल मार्केट में बड़ी गिरावट का असर आज भारतीय बाजार पर देखने को मिला। साथ ही विदेशी निवेशकों की बिकवाली का भी असर रहा। इसके चलते बाजार में गिरावट बढ़ी।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगले कुछ साल इस वृद्धि दर को आसानी से बनाए रख सकते हैं।'' भारत की जीडीपी वृदि दर 2022-23 में 7.2 फीसदी रही थी, जो 2021-22 के 9.1 फीसदी से कम है। हालांकि, कच्चे तेल में उछाल से भारत का चालू खाता घाटा बढ़ा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 1
त्योहारी सीजन में फ्रेशर्स के लिए सुनहरा मौका निकलने वाला है। त्योहरों के दौरान बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए कंपनियां तेजी से भर्ती कर रही हैं। इसके चलते बेरोजगारी दर एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। त्योहारों के दौरान बेरोजगारी दर में और कमी आने की उम्मीद है।
वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख और विदेशी निवेशकों की निकासी से भारतीय बाजार में गिरावट बढ़ी है। एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग और जापान का निक्की नुकसान में रहने से भी दबाब बढ़ा है। दुनिया में आर्थिक सुस्ती से भी निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है।
जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर ने एंकर निवेशकों से 1,260 करोड़ रुपये जुटाए थे। आईपीओ से जुटाई जाने वाली राशि का इस्तेमाल कर्जों के भुगतान, नई परियोजनाओं की स्थापना एवं विस्तार के अलावा सामान्य कंपनी कामकाज के लिए किया जाएगा।
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