प्रॉपर्टी कंसल्टेंट ANAROCK की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 की पहली छमाही में, दिल्ली-एनसीआर में करीब 32,200 हाउसिंग यूनिट्स की बिक्री हुई। हैरानी की बात ये है कि इनमें 45 प्रतिशत से ज्यादा यूनिट्स लग्जरी सेगमेंट के थे जबकि 24 फीसदी यूनिट्स अफॉर्डेबल सेगमेंट के थे।
उत्तर प्रदेश रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी के मुताबिक नई पहल होम बायर्स के सशक्तीकरण और इस सेक्टर में पारदर्शिता लाने के लिए की गई है।
क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के सचिव दिनेश गुप्ता ने कहा कि क्रेडाई के सदस्यों, रेरा अधिकारियों के साथ-साथ घर खरीदारों के प्रतिनिधियों की मदद से हम यूपी रेरा कॉन्सिलिएशन फोरम में दायर किए गए लगभग 90% से 95% मामलों को हल करने में सफल रहे हैं।
फ्लैट खरीदारों के पक्ष में रजिस्ट्री नहीं हो सकी है। ऐसे में उन बिल्डरों को सूचीबद्ध कर लिया गया है। अगर अब भी वे सबलीज डीड नहीं कराते, तो उनके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा।
कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के अनुसार, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 1 लाख करोड़ रुपये की 190,000 यूनिट फंसी हुई हैं।
इस साल की पहली जनवरी-जून की छमाही में दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री ढाई गुना होकर 29,101 इकाई पर पहुंच गई।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा, हम मध्यम वर्ग के घर खरीदारों के व्यापक हित के बारे में चिंतित हैं। पीठ ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मुद्दे पर विचार करने के लिए कहा।
झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (झारेरा) द्वारा बनाये गये नये नियम में कहा गया है कि प्रोजेक्ट में देर होती है तो इसकी सूचना भी बिल्डर को देनी होगी। छह महीने से अधिक देर होने की स्थिति में उन्हें हर्जाना भरना होगा।
पिछले साल अक्टूबर में दायर की गई याचिका में ग्राहकों को मानसिक, शारीरिक एवं वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
रियल्टी कंपनी के वकील ने कहा कि उन्होंने आज 58.20 लाख रुपये का आरटीजीएस भुगतान कर दिया है और घर खरीदारों को देने के लिये 50 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट भी तैयार है।
वित्त मंत्री को भेजे सुझाव में कहा है कि आप जानते हैं कि पांच लाख से अधिक घर खरीदारों की जीवन भर कमाई विभिन्न रीयल एस्टेट परियोजनाओं में फंसी हुई है।
बिल्डरों को अब बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा के सस्ती आवासीय परियोजनाओं पर एक प्रतिशत और अन्य श्रेणियों की आवासीय इकाइयों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने की अनुमति दी गई है।
क्रेडाई द्वारा यहां आयोजित रीयल एस्टेट सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत तेजी से काम कर रही है
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों का निवेशकों से प्राप्त फंड का दूसरी जगह उपयोग एक ‘बुराई’ है और वह इस ‘बकवास’ को हमेशा के लिये रोकना चाहता है।
सरकार ने बिल्डरों को किफायती मकान खरीदारों से जीएसटी वसूलने से मना किया है। सभी सस्ती आवासीय परियोजनाओं पर प्रभावी जीएसटी दर 8 प्रतिशत है। इसे ‘इनपुट क्रेडिट’ के जरिए समायोजित किया जा सकता है।
श्रीराम समूह की रियल एस्टेट इकाई श्रीराम प्रॉपर्टीज अपनी विस्तार योजना के तहत अन्य बिल्डरों की 'फंसी संपत्तियों' को खरीदने का विचार कर रही है। इसके लिए कंपनी की करीब 1,600 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना है।
रेरा एक्ट की जानकारी आपको रियल एस्टेट में घपला करने वाले बिल्डर और एजेंटों से बचा सकती है। इसकी मदद से आपको सही समय पर सही घर खरीदने में सहूलियत होगी
दिल्ली की एक अदालत ने रीयल्टी कंपनी यूनिटेक लिमिटेड के प्रवर्तक अजय चंद्रा और संजय चंद्रा को तीन महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी।
जेपी इन्फ्राटेक के प्रबंध निदेशक और तीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से निवेशकों से धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है।
जहां सरकार ने अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, वहीं अब प्रॉपर्टी डेवलपर्स ने भी पूरा जोर अफोर्डेबल हाउस पर लगाने की योजना बनाई है।
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