सरकार आगामी आम बजट में रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले करीब 20,000 कुलियों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए रेल टिकट पर एक नया उपकर लगा सकती है।
सरकार नोटबंदी के बाद बने हालात को देखते हुए अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए आगामी बजट में डायरेक्ट टैक्स में व्यापक फेरबदल कर सकती है।
नोटबंदी के मद्देनजर बीमा उद्योग ने आगामी आम बजट में अधिक कर छूट, ई-भुगतान पर ध्यान दिए जाने तथा अनिवार्य आवास बीमा जैसे कदमों की उम्मीद जताई है।
उद्योग जगत का कहना है कि कंपनी कर की दर मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर देनी चाहिए। अधिभार और उपकर सहित कर की दर 25% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
वित्त मंत्रालय ने विभागों से चौथी तिमाही में अधिक व्यय से बचने और चालू वित्त वर्ष के लिये आबंटित बजट के दायरे में रहने को कहा है। मनरेगा को अलग रखा गया है।
ताइवान की स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज बनाने वाली कंपनी Asus जल्द दुनिया का सबसे हल्का 14-इंच का बिजनेस लैपटॉप लॉन्च करेगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हलवा सेरेमनी में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को हलवा खिलाकर बजट 2017 की प्रक्रिया की शुरुआत की।
नोटबंदी के बाद चूंकि सरकार का टैक्स कलेक्शन बढ़ा है इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि बजट में आयकर की दरों में कटौती, टैक्स छूट की सीमा में बढ़ोतरी करेगी।
नरेंद्र मोदी सरकार इस बजट में गरीबों और बेरोजगारों को हर महीने 1500 रुपए देने का ऐलान कर सकती है। माना जा रहा है कि सरकार की इसकी घोषणा बजट में कर सकती है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप कंपनियों को बजट में अतिरिक्त कर लाभ दिए जाने की संभावना का संकेत दिया है।
वित्तमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह का कार्यकाल काफी उठापटक वाला था। मनमोहन सिंह ने साल 1994 के अपने बजट में सर्विट टैक्स के टर्म को भारत के सामने रखा।
आंकड़ों की बात करें तो आजादी से लेकर अब तक कुछ 26 वित्त मंत्रियों ने कार्यभार संभाला है। मोरारजी देसाई द्वारा रिकार्ड 10 बार बजट प्रस्तुत किया गया।
1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली एनडीए सरकार का तीसरा पूर्ण बजट पेश करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं बजट में तमाम लेखा-जोखा कौन तैयार करता है।
2017 का बजट बेहद अलग होने जा रहा है। इस बार न सिर्फ बजट की तारीखों में बदलाव किया गया है, वहीं इस साल से रेल बजट इतिहास में दर्ज हो जाएगा।
बजट सिर्फ घोषणाओं का एक दस्तावेज भर नहीं होता, बल्कि इसमें काफी कुछ शामिल होता है, जो भविष्य की योजनाओं का भी रोडमैप तैयार करता है।
बजट भाषण के दौरान देश के वित्त मंत्री ऐसे ही तमाम शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। हम आपको बताते हैं इन शब्दों का मतलब क्या होता है।
2016-17 उतारचढ़ाव वाला सफर था। उम्मीदें ज्यादा थीं। देश से भी और उसे चलाने वाले शख्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी टैक्स बड़े सुधारों की आशा थी।
जहां ज्यादातर बैंकों के ATM में अब भी पैसे नहीं हैं वहीं सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि 1 महीने में ATM से फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा घटा कर 1 कर दी जाए
वित्त मंत्री 2017-18 के बजट में कॉरपोरेट टैक्स की दर में कटौती कर सकते हैं। नोटबंदी के दौरान हुई परेशानी के मद्देनजर वित्त मंत्री यह कदम उठा सकते हैं।
सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कैश टैक्स लगाने की योजना बना रही है। इससे बैंक अकाउंट से एक तय सीमा से अधिक कैश निकालने पर यह टैक्स लगेगा।
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