एनपीएस के लिए कर-मुक्त निकासी सीमा को 60% से बढ़ाकर 80% करने की मांग है। इससे यह निवेश स्कीम निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बन जाएगा।
आयुष्मान भारत PM-JAY दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है, जिसका उद्देश्य 12 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों (लगभग 55 करोड़ लाभार्थी) को 5 लाख रुपये तक मुफ्त इलाज मुहैया कराना है। अब इस सीमा को बढ़ाने की तैयारी हो रही है।
कर व्यवस्था को अधिक कुशल और न्यायसंगत बनाने के लिए कॉरपोरेट कर दरों को कम करने, कर छूट को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने और कर आधार को व्यापक बनाने जैसे उपायों पर विचार करना चाहिए।
Privatization of IDBI Bank : एसबीआई के आर्थिक शोध विभाग ने रिपोर्ट में कहा कि उम्मीद है कि सरकार बजट में आईडीबीआई बैंक के निजीकरण के संबंध में स्पष्टता लाएगी।
निवेशक बजट से राजकोषीय मजबूती की राह में कुछ ढिलाई और पूंजीगत व्यय से कल्याणकारी व्यय पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद कर रहे हैं। हालांकि, ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन शैक्स को इसकी संभावना नहीं दिख रही है।
18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद की संयुक्त बैठक को अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा था, ‘‘यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण का एक प्रभावी दस्तावेज होगा।’’
इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पुनीत छटवाल ने कहा कि क्षेत्र को इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का दर्जा मिलने से निवेश बेहतर हो सकेगा। इससे क्षेत्र देश को 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे पाएगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सरकार से व्यापार करने की लागत को कम करने के लिए भूमि पर स्टांप शुल्क को तर्कसंगत बनाने और बिजली दरों पर क्रॉस-सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का अनुरोध किया है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार की संस्तुति पर भारत के माननीय राष्ट्रपति ने बजट सत्र, 2024 के लिए संसद के दोनों सदनों को 22 जुलाई, 2024 से 12 अगस्त, 2024 तक बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
Budget 2024 : उचित बाजार मूल्य से ऊपर किसी स्टार्टअप के शेयरों की बिक्री से हासिल पूंजी पर लगने वाले कर को एंजल कर कहा जाता है। पहले एंजल कर केवल स्थानीय निवेशकों पर लागू होता था, लेकिन पिछले वित्त वर्ष के बजट ने विदेशी निवेश को शामिल करने के लिए इसका दायरा बढ़ा दिया था।
वैश्विक डेटा एवं कारोबार आसूचना प्लेटफॉर्म स्टैटिस्टा के मुताबिक, भारतीय ड्रोन बाजार का 2024 में राजस्व 2.7 करोड़ डॉलर रहने का अनुमान है।
लेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए सरकारी योजना के तीसरे संस्करण के अनावरण को लेकर उम्मीदें बहुत अधिक हैं। नई सब्सिडी व्यवस्था कम से कम दो से तीन साल तक चलने की है मांग।
प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर के कारोबारी संगठनों के महासंघ अहिल्या चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने इस बात के लिए बजट की सराहना की कि इसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया है। उन्होंने हालांकि कहा कि मंडी शुल्क समाप्त किए जाने की आस इस बजट से भी पूरी नहीं हो सकी।
MP Budget 2024 :पीएम आवास योजना के लिए 4000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 4900 करोड़ का प्रावधान है। शिक्षा के लिए 22,600 करोड़ का प्रावधान और स्वास्थ्य के लिये 21 हजार 144 करोड़ का प्रावधान है।
उद्योग ने कम से कम आठ सालों की अवधि के लिए 40,000-45,000 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रॉनिक्स घटक प्रोत्साहन योजना की भी मांग की है। फिलहाल भारत में चीन और वियतनाम जैसी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उच्च टैरिफ वाली कई टैरिफ लाइनें हैं।
Budget 2024 : उत्पाद असेंबल करने में लगने वाले कलपुर्जे और कच्चे माल पर 2.5 प्रतिशत शुल्क दरें हटाने का भी सुझाव दिया गया है। इसमें कहा गया है कि ये शुल्क दरें किसी उद्देश्य को पूरा नहीं करती हैं।
जिस तरह से राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को पूंजी प्रदान करता है, ठीक उसी तरह, बैंकरों की मांग है कि एनबीएफसी के लिए एक समर्पित रीफाइनेंस बॉडी का गठन होना चाहिए।
उम्मीदें हैं कि घरेलू इक्विटी और म्यूचुअल फंड में एक समान होल्डिंग अवधि शुरू करके पूंजीगत लाभ कर संरचना को सरल बनाया जाएगा। इनकम टैक्स कानून के हिसाब से, चल और अचल दोनों तरह की पूंजीगत संपत्तियों की बिक्री से होने वाले लाभ पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होता है।
एक्सपर्ट का मानना है कि बुनियादी ढांचे में निवेश स्थिरता पर केंद्रित होगा, जिसका उद्देश्य परिवहन नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और पर्यावरणीय परिणामों में सुधार करना है। चुनावों के बाद से भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुख बना हुआ है, जो हर हफ्ते धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ रहा है।
जून तक वैध वर्तमान योजना, निर्यात से पहले और बाद में रुपए में निर्यात ऋण उपलब्ध कराती है, निर्दिष्ट 410 निर्यात वस्तुओं से संबंधित विनिर्माताओं और व्यापारिक निर्यातकों के लिए दो प्रतिशत ब्याज समतुल्यता दर प्रदान करती है।
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