बजट प्रस्तुति के संबंध में एक लंबे समय से चली आ रही औपनिवेशिक परंपरा को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान तोड़ा गया था, जब तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने शाम 5 बजे के पारंपरिक समय के बजाय सुबह 11 बजे बजट पेश किया था।
बीएसई सेंसेक्स 222.22 अंक चढ़कर 80,724.30 अंक पर खुला है। वहीं, एनएसई निफ्टी 63.90 अंक बढ़कर 24,573.15 अंक पर पहुंच गया है।
सैलरीड क्लास के करदाता धारा 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम कटौती को मौजूदा लिमिट 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये या 1 लाख रुपये करने का अनुरोध कर रहे हैं।
आगामी बजट के विकासोन्मुखी बजट रहने की उम्मीद है, इसलिए, इस तरह के बजट से इंफ्रास्ट्रक्चर और संबद्ध क्षेत्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है। विकासोन्मुखी बजट और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अच्छी स्थिति से बैंकिंग और ऑटो सेगमेंट में भी मांग पैदा होने की संभावना है।
जून में लोकसभा में अपना पूर्ण बहुमत खोने के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नई गठबंधन सरकार में जनता का भरोसा जगाने की कोशिश करेगी।
बजट के दिन शेयर बाजार के प्रदर्शन हाल के सालों में खराब रहा है। पिछले लगातार चार बजट से ऐसा देखा जा रहा है कि बजट के दिन शेयर बाजार लुढ़का है।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आम बजट में नई पेंशन प्रणाली और आयुष्मान भारत जैसी सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को लेकर कुछ घोषणाएं हो सकती है।
शेयर बाजार बजट में कई बड़ी घोषणाओं को लेकर आशान्वित है। निवेशकों और कंपनियों दोनों को वित्त मंत्री से राहत मिलने की उम्मीद है।
Budget 2024: संसद में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर दिया है। पूरे देश की नजर इस बजट में होने वाली घोषणाओं पर थी। आइए जानते हैं इस बजट से जुड़ी हर अपडेट, इस Live Blog में।
Budget 2024 : चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्त वर्ष के 9.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
भारत के पास ‘चीन प्लस वन’ रणनीति से लाभ उठाने के लिए दो विकल्प हैं। या तो वह चीन की आपूर्ति श्रृंखला में शामिल हो जाए या फिर चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दे।
भारत में स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र को 2014 से 2023 के बीच 8.5 लाख करोड़ रुपये (102.4 अरब डॉलर) का नया निवेश मिला, जबकि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को अप्रैल, 2000 से मार्च, 2024 तक 17.88 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला।
साल 2024 के लोकसभा चुनावों और नई सरकार के गठन के चलते, केंद्रीय बजट 2024 को पारंपरिक 1 फरवरी के बजाय 23 जुलाई को पेश किया जा रहा है।
समीक्षा कहती है, “भारत के वृद्धि पथ में अपनी केंद्रीय भूमिका के बावजूद कृषि क्षेत्र को संरचनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसका देश की आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव पड़ सकता है।”
IMF के आंकड़ों के अनुसार, भारत की मुद्रास्फीति दर 2022 और 2023 में वैश्विक औसत और ईएमडीई की तुलना में कम रही।
सर्वेक्षण में लगभग 2.0 लाख भारतीय कारखानों में कामकाजी लोगों का डेटा है। 2013-14 और 2021-22 के बीच कारखानों में कुल नौकरियों की संख्या में सालाना 3.6% की वृद्धि हुई है।
सरकार ने वित्तीय सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने को प्राथमिकता दी है। विश्व बैंक के वैश्विक वित्तीय समावेशन डेटाबेस के अनुसार, भारत ने पिछले दस वर्षों में अपने वित्तीय समावेशन लक्ष्यों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
सरकार ने देश की आर्थिक तरक्की में मजबूती बनी रहने का भरोसा दिया है। बीते वित्त वर्ष की जीडीपी आंकड़ों ने सबको हौरान किया था।
यह फंड सैलरीड क्लास और स्वरोजगार वालों के लिए टॉप निवेश विकल्पों में से एक हैं। यह आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र एकमात्र म्यूचुअल फंड हैं। निवेशक अलग-अलग टैक्स बचत विकल्पों में निवेश करके ₹1.5 लाख तक की कटौती का दावा कर सकते हैं।
इकोनॉमिक सर्वे देश की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा होता है। वित्त मंत्री संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश करती हैं। यह बताता है कि पिछले 1 साल में देश की इकोनॉमी कैसी रही है।
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