बजट बनाने की प्रक्रिया आमतौर पर सितम्बर माह में शुरू होती है, वहीं वित्त मंत्रालय इस दौरान यह ब्लू प्रिंट बनाता है कि किस विभाग की कितनी रकम मिलेगी।
बजट परंपरा के अनुसार सरकार बजट से ठीक पहले मौजूदा वित्त वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है, जिसमें सरकार के आय व्यय, योजना क्रियांन्वयन और विभिन्न क्षेत्रों के प्रदर्शन एवं भविष्य की रणनीति का जिक्र होता है
आम बजट को आने में कुछ ही दिन शेष हैं, बता दें कि 1 फरवरी, 2023 को देश का वार्षिक बजट संसद में पेश होने वाला है। वहीं बजट को लेकर कई तरह के सवाल में आपके मन में आते होंगे, उन्हीं कौतुहलों का जवाब आज हम देने वाले हैं।
किसी भी देश या कंपनी को चलाने में अहम योगदान बजट का होता है। बजट के जरिये ही आर्थिक गति को बढ़ावा दिया जाता है। दूसरी ओर बजट नाम का शब्द आते ही कई तरह के प्रश्न हमारे दिमाग में आ जाते हैं, वहीं आज हम आपको कैपिटल बजट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
Budget 2023 Nirmala Sitharaman: दुनियाभर की आर्थिक सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियां भारत को 2035 तक 10 ट्रिलियन डॉलर वाली इकोनॉमी बनने की बात कर रही हैं।
बजट- 2023 जल्द ही देश के समक्ष आने वाला है, जिसको 1 फरवरी, 2023 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जायेगा। दूसरी ओर बजट से जुड़े कई तरह के सवाल हमारे मन में रहते हैं, ऐसे में आइये जानते हैं इनसे जुड़े सवालों के जवाब
विभिन्न इंडस्ट्री क्षेत्रों से जुड़े एक्सपर्ट्स को आगामी बजट से टैक्स सम्बंधित छूट और वित्तीय सहायता को लेकर काफी उम्मीदें है ताकि उत्पादन को बढ़ाया जा सके और जीडीपी में उल्लेखनीय इजाफा हो सके।
देश के आम बजट के आने में कुछ ही दिन बाकी हैं, वहीं बजट आने के ठीक पहले हमारे जहन में कई तरह के सवाल आते हैं, जिनका निवारण जरूरी है। वहीं आज हम कैश बजट यानी नकद बजट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
बजट की इस पूरी प्रक्रिया में केंद्रीय वित्त मंत्री की प्रमुख भूमिका होती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार 1 फरवरी को बजट 2023 को पेश करने जा रही हैं।
देश का आम बजट जल्द ही आम लोगों के बीच आने वाला है, वहीं इसको लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बता दें कि 1 फरवरी, 2023 को देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इसे से संसद के बजट सत्र में पेश किया जायेगा।
भारत में बजट- 2023 आने में कुछ दिन ही शेष हैं, वहीं बजट पेश करने के दौरान कई तरह के बजट पेश किये जाते हैं, जहां बजट कई तरह के होते हैं, आज हम आपको उन्हीं के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
इस साल 1 फरवरी को निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेंगी। आइए जानते हैं कि आज से पहले बजट को लेकर बनें वो रिकॉर्ड जिसे हम भूल रहे हैं, क्या कहानी बयां करते हैं?
बजट के इतिहास में ऐसा मौका भी आया जब अंतरिम और वित्तीय बजट दो अलग-अलग पार्टियों के अलग अलग मंत्रियों ने पेश किया। यहां जानिए बजट ने देश को कब-कब नई दिशा दी है।
इस बार का बजट हर बार से कितना अलग होगा, यह 1 फरवरी को संसद में ही पता चलेगा, लेकिन बजट में इस्तेमाल होने वाले उन शब्दों का मतलब आप आज जान सकते हैं, जिसको लेकर अक्सर एक्सपर्ट कंफ्यूज हो जाते हैं।
आने वाले बजट से लोगों को काफी उम्मीदें हैं क्योंकि यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट होगा। आप भी इन 5 बिन्दुओं से जानिए आखिर कैसे बनता है देश का बजट और क्या होती है पूरी प्रक्रिया।
भारतीय संसदीय परंपरा के अनुसार हर साल देश का वित्तमंत्री बजट दस्तावेजों को पढ़कर सदन के सामने पेश करता है। इससे पहले एक सेरेमनी रखी जाती है, जिससे हलवा सेरेमनी करते हैं। उसकी कई खासियतें हैं। आइए जानते हैं।
आइए जानते हैं इतिहास की तारीखों में कैद हो चुके बजट से जुड़े उन परंपराओं के बारे में जिसे मोदी सरकार ने खत्म कर दिया और यूनियन बजट को एक नया रूप दिया था।
यह बजट देश की दिशा और दशा बदलने वाला साबित हो सकता है। ऐसे में हर युवा से ये उम्मीद की जा रही है कि वह न सिर्फ इस बजट को सुने बल्कि समझे भी।
बजट एक ऐसा लेखा-जोखा है जो किसी देश के विकास की रफ्तार बताता है। बजट से ही तय हो पाता है कि सरकार किस सेक्टर पर कितना फोकस करने वाली है और उस साल वह देश कितनी तेजी से तरक्की के रास्ते पर चलेगा। भारत के साथ ऐसी कई कहानियां बजट से जुड़ी हुई हैं। एक के बारे में आज जानते हैं।
आजाद भारत का पहला बजट तात्कालीन वित्त मंत्री आर के षणमुखम शेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था, लेकिन सबसे अधिक बार पेश करने का मौका इंदिरा गांधी के करीबी रहे एक वित्त मंत्री को मिला था।
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